मिलने लगा काम, सुधरने लगे हालात
प्रवासी श्रमिकों के गृह जनपद लौटने के कारण ग्रामीण स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में धीरे-धीरे परिवर्तन आने लगा है।
बुलंदशहर, जेएनएन। प्रवासी श्रमिकों के गृह जनपद लौटने के कारण ग्रामीण स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में धीरे-धीरे परिवर्तन आने लगा है। राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरों को काम देने के लिए ग्राम्य विकास सहित अन्य विभागों को भी निर्देशित किया है। इसके साथ ही लॉकडाउन में इनकी आर्थिक स्थिति नहीं गड़बड़ाए, इसके लिए इन्हें अविलंभ भुगतान करने के भी निर्देश दिए हैं।
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जनपद में एक लाख छह हजार मजदूर पंजीकृत हैं। जबकि, इनमें 31 हजार 400 मजदूर सक्रिय हैं और विकास कार्यों में मजदूरी करके परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान जनपद की 951 ग्राम पंचायतों में से 758 ग्राम पंचायतों में विकास कार्य शुरू किए जा चुके हैं। इनमें से 525 ग्राम पंचायतों में शनिवार को भी काम जारी रहा।
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33 लाख का हुआ भुगतान
ग्राम्य विकास विभाग ने लॉकडाउन के दौरान 16 हजार 597 मनरेगा मजदूरों को 33 लाख 35 हजार रुपये का भुगतान किया गया है। पीडी सर्वेशचंद ने बताया कि मजदूरों को प्रतिदिन की दहाड़ी 201 रुपये दी जा रही है।