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गेहूं निकासी की धूल ने बढ़ा दिया हवा में प्रदूषण

लॉकडाउन में उद्योग बंद हुए तो गेहूं निकासी के समय निकल रही धूल ने बुलंदशहर की हवा को प्रदूषित कर दिया है। पिछले पांच दिन में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 320 पर पहुंच गया है जोकि खतरनाक जोन में आता है। हवा में प्रदूषण की ये मात्रा आसपास के जिलों की तुलना में कहीं ज्यादा है। इससे बीमार लोगों की परेशानी बढ़ने लगेगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 11:00 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 06:04 AM (IST)
गेहूं निकासी की धूल ने बढ़ा दिया हवा में प्रदूषण

बुलंदशहर, जेएनएन। लॉकडाउन में उद्योग बंद हुए तो गेहूं निकासी के समय निकल रही धूल ने बुलंदशहर की हवा को प्रदूषित कर दिया है। पिछले पांच दिन में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 320 पर पहुंच गया है, जोकि खतरनाक जोन में आता है। हवा में प्रदूषण की ये मात्रा आसपास के जिलों की तुलना में कहीं ज्यादा है। इससे बीमार लोगों की परेशानी बढ़ने लगेगी।

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24 मार्च की रात में लॉकडाउन लगने से पहले बुलंदशहर का एक्यूआइ 290 से 300 के बीच चल रहा था। लॉकडाउन के चलते उद्योग धंधे और निर्माण कार्यों पर रोक लगी तो हवा साफ होनी शुरू हो गई। नतीजन 28 मार्च तक एक्यूआइ 90 से भी नीचे आ गया। इसके बाद 29 मार्च को रात के समय हल्की बारिश हुई तो एक्यूआइ और गिरा और 72 पर पहुंचा गया। इससे जिले के लोगों ने खुलकर सांस ली। लेकिन अप्रैल के प्रथम सप्ताह से हवा में प्रदूषण का ग्राफ एक बार फिर बढ़ना शुरू और एक्यूआइ 250 तक पहुंच गया। 10 अप्रैल को एक्यूआइ 140 रिकार्ड किया गया। लेकिन अब पिछले छह दिन से लगातार एक्यूआइ बढ़ रहा है। गुरुवार को बुलंदशहर का एक्यूआइ 320 रिकार्ड किया गया। जोकि सेहत के लिए खतरनाक है। गुरुवार को दिल्ली का एक्यूआइ 189, गाजियाबाद का 246, हापुड़ का 300, मेरठ का 308, नोएडा का 211 और ग्रेटर नोएडा का 250 एक्यूआइ रिकार्ड किया गया। अस्थमा के रोगी बचकर रहे

हवा में धूल के कण सबसे अधिक अस्थमा पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक है। फिर भी नवजात बच्चे, गर्भवती महिलाएं, हृदयरोगी और बुजुर्ग लोग बचकर रहें। लॉकडाउन में लोग घर से नहीं निकल रहे हैं जो निकल भी रहे हैं वह मास्क लगाकर निकलें और जिन घरों में अस्थमा और हृदय रोगी हैं, वो लोग घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें। कोई भी दिक्कत हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं, हरी सब्जी और प्रोटीन युक्त भोजन करें।

-डा. यतेंद्र शर्मा, एमडी फिजीशियन, लक्ष्मी हास्पिटल गंगानगर -ऐसे बढ़ा प्रदूषण

11 अप्रैल- 160

12 अप्रैल- 190

13 अप्रैल- 220

14 अप्रैल- 260

15 अप्रैल- 290

16 अप्रैल- 320 इन्होंने कहा

छोटे-बड़े उद्योग और फैक्ट्री सभी बंद हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बंद हैं। गेहूं की निकासी शुरू होने के बाद से प्रदूषण बढ़ा है। हवा में धूल के कण बढ़ गए हैं। बारिश होने या तेज हवा चलने पर प्रदूषण कम होगा।

-जीएस श्रीवास्तव, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड


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