इंजीनियर और आइएएस अफसर बनना चाहते हैं टॉपर्स
कौन कहता है आसमां में छेद नहीं होता एक पत्थर तो तबितयत से उछालो यारो.ये लाइनें जिले के उन मेधावियों पर सटीक बैठती हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर इंटमीडिएट की परीक्षा में सफलता का कीर्तिमान स्थापित किया। बिना कोचिग के स्वयं की मेहनत से स्कूल और जिला टॉप करने वाले मेधावी भविष्य में भी कुछ अलग करने का सपना रखते हैं। अधिकांश टॉपर्स आइएएस और इंजीनियर बनाकर माता-पिता का और अपना नाम चमकाना चाहते हैं। सीबीएसई की सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी..
बुलंदशहर, जेएनएन। कौन कहता है आसमां में छेद नहीं होता एक पत्थर तो तबितयत से उछालो यारो.ये लाइनें जिले के उन मेधावियों पर सटीक बैठती हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर इंटमीडिएट की परीक्षा में सफलता का कीर्तिमान स्थापित किया। बिना कोचिग के स्वयं की मेहनत से स्कूल और जिला टॉप करने वाले मेधावी भविष्य में भी कुछ अलग करने का सपना रखते हैं। अधिकांश टॉपर्स आइएएस और इंजीनियर बनाकर माता-पिता का और अपना नाम चमकाना चाहते हैं। सीबीएसई की सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी.. आइएएस बनना चाहता है जिला टॉपर तुषार सिंह
-हयूमैनिटिज वर्ग में जिला टॉप करने वाले दिल्ली पब्लिक स्कूल के तुषार सिंह यमुनापुरम के रहने वाले हैं। पढ़ाई में इनकी मदद इनके पिता एनआरईसी डिग्री कालेज के प्रोफेसर ओमप्रकाश सिंह ने की। शतप्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले इस छात्र ने कालेज के अलावा नियमित छह घंटे पढ़ाई की। कक्षा 11 में तो इन्होंने कुछ दिन कोचिग ली भी थी लेकिन 12वीं में एक भी दिन कोचिग नहीं की। बस स्वयं मेहनत करते रहे। इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने सभी गुरुजनों और अपने माता-पिता को दिया है। इंटरमीडिएट टॉप करने के बाद अब तुषार सिंह की लक्ष्य आइएएस अफसर बनने की तरफ लग गया है। मेधावी ने बताया कि वह देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा में अफसर बनकर लोगों की सेवा करना है। फोटो:58, आदित्य यादव का आइआइटी कर इंजीनियर बनने का सपना
सीबीएसई सांइस वर्ग में 98.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिले में स्थान प्राप्त करने वाले आदित्य यादव का सपना आईआईटी कर इंजीनियर बनना है। नगर के न्यू लेंसर कांवेट स्कूल के छात्र आदित्य एसडीएम कालोनी में रहते हैं। उन्होंने बताया कि पिता अनिल कुमार बिजनेस मैन है, जबकि मां विनिता सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। आदित्य ने अपनी सफलता का श्रेय दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएसई कर रही बड़ी बहन आदिती व स्कूल की प्रधानाचार्य वृंदा शर्मा को दिया। आदित्य को घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। परिवार में खुशी का माहौल है। बुलकुर-31.इंजीनियर बनना चाहती हैं भव्या अग्रवाल
खुर्जा: नगर की पीली कोठी निवासी महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल की छात्रा भव्या अग्रवाल ने इंटरमीडिएट साइंस वर्ग में 99.2 प्रतिशत अंक प्राप्त करके जनपद टॉप किया है। जिसकी जानकारी होने पर भव्या के स्वजनों ने उन्हें मिठाई खिलाते हुए बधाई दी। वहीं भव्या अग्रवाल ने बताया कि वह आगे बीटेक करके इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने शुरू से ही प्लानिग कर ली थी। साथ ही उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन छह घंटे पढ़ाई करती थीं और पेपरों के समय में दस घंटे तक उन्होंने पढ़ाई की है। भव्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता आशीष अग्रवाल और मां कविता समेत गुरुजनों को दिया है। भव्या के पिता कपड़ा व्यापारी हैं। बुलकुर-32..
आईएएस आफिसर बन सेवा करना चाहती हैं तरुशी बंसल
खुर्जा: किशनघाट नवलपुरा निवासी पॉटरी व्यवसाई संजीव बंसल की पुत्री तरुशी बंसल ने जनपद में संयुक्त रूप से 98.2 अंक प्राप्त करके तीसरा स्थान प्राप्त किया। वह नगर के महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल की छात्रा हैं। तरूशी बंसल ने बताया कि वह सात-आठ घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करती हैं। इंटरमीडिएट के बाद अब वर आईएएस की तैयारी करेंगे। उनका सपना बचपन से ही आईएएस आफिसर बनकर देश और जनता की सेवा करने का है। इंटरमीडिएट की पढ़ाई करते समय भी वह आईएएस की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता, माता नीता बंसल, ताऊ विनीत बंसल और राजीव बंसल को दिया है। फोटो::18, आइएएस बनना चाहती है साक्षी सिंह
-हयूमैनिटिज वर्ग में जिले में तीसरे स्थान पर रहने वाली साक्षी सिंह ने स्कूल के अलावा प्रतिदिन पांच से छह घंटे पढ़ाई की है। यमुनापुरम निवासी छात्रा ने माता-पिता ने कोचिग लेने के लिए कहा भी लेकिन होनहार बिटिया ने इंकार कर दिया। इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरूजनों को दिया है। कामयाबी को प्राप्त करने के गुर इन्होंने अपने बिजनेस मैन पिता अशोक कुमार सिंह से सीखे। छात्रा ने बताया कि अच्छे अंक पाने हो या सफलता की कोई और इबारत लिखनी हो तो लगन के साथ मेहनत करते रहो बस। फोटो::50 सीए बनना चाहती है सताक्षी
-वाणिज्य वर्ग में जिला टॉप करने वाली सताक्षी सिंह शहर की अंबा कालोनी में रहती है। इनके पिता मनोज कुमार बिजनेस मैन हैं। मेधावी बेटी ने नियमित आठ घंटे पढ़ाई कर सफलता का परचम लहराया। बिना किसी कोचिग और ट्यूशन के मेधावी छात्रा ने वाणिज्य वर्ग में 98.6 ्रफीसद अंक प्राप्त किए हैं। मेधावी ने बताया कि स्कूल जाने के बाद केवल घर पर पढ़ाई की। पढ़ाई के शुरूआती दिनों से ही एक अच्छा सीए बनने का सपना देखा है। बस उसी को साकार करना है। मेरी इस सफलता के पीछे मेरे माता-पिता और गुरूजनों का पूरा सहयोग है। मैं अपनी सफलता का श्रेय इनको ही देना चाहती हूं। फोटो::49, जिला जज बना चाहते हैं खुशवीर
वाणिज्य वर्ग में जिले में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले आजाद पब्लिक स्कूल के खुशवीर सिंह शहर के चांदपुर में रहते हैं। इन्होंने कभी कोचिग नहीं ली। आजाद में ही पढ़ाने वाले अपने पिता से सहयोग लिया। स्कूल के अलावा घर पर पांच घंटे रोजाना पढ़ाई की। अभी यह मेधावी छात्र भविष्य में जिला जज बनकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा देने के बाद से ही तैयारी शुरू कर दी। इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। फोटो::103, एडवोकेट बनना चाहती है व्यापारी की बेटी
शहर के होली चौक में रहने वाले मनीष अग्रवाल की बेटी टीशा अग्रवाल ने वाणिज्य वर्ग में जिले में दूसरा स्थान कब्जाया है। स्कूल के अलावा नियमित आठ घंटे पढ़ाई की है। पूरे साल पढ़ाई के अलावा कोई दूसरा काम नहीं किया। अब ये मेधावी छात्रा एक नामचीन एडवोकेट बनकर दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करना चाहती है। इनका सपना है कि ये लोगों को न्याय दिलाए। अपनी सफलता का श्रेय इस छात्रा ने अपने माता-पिता और अपने गुरुजनों को दिया है। इंजीनियर बनना चाहता है राहुल चौधरी
-साइंस वर्ग में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाला राहुल चौधरी आजाद पब्लिक स्कूल का मेधावी छात्र है। बिना किसी कोचिग के सफलता प्राप्त करने वाले इस मेधावी ने घर पर नियमित छह घंटे पढ़ाई की। खेलने को बहुत कम समय दिया। शादी-विवाह और अन्य कार्यक्रमों को भी दरकिनार किया। उन्होंने जिला टॉप करने का लक्ष्य बनाया था लेकिन किनारे तक पहुंचकर रह गये। अब राहुल इंजीनियर बनाकर देश की सेवा करना चाहता है और देश के लिए अविष्कार करना चाहता है।