घोषित समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदने पर हो मुकदमा
केंद्र सरकार ने रबी सीजन की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोत्तरी की घोषणा से किसान गदगद हैं। रबी की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर केंद्र ने कृषि विधेयक के प्रति भ्रम की स्थिति पैदा करने वालों को करारा जवाब दिया है। सरकार ने गेहूं की फसल पर 50 रुपये और मसूर पर 300 रुपये प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य बढ़ाया है।
बुलंदशहर, जेएनएन। केंद्र सरकार ने रबी सीजन की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोत्तरी की घोषणा से किसान गदगद हैं। रबी की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर केंद्र ने कृषि विधेयक के प्रति भ्रम की स्थिति पैदा करने वालों को करारा जवाब दिया है। सरकार ने गेहूं की फसल पर 50 रुपये और मसूर पर 300 रुपये प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य बढ़ाया है। रबी की फसल पर बढ़ाए गए समर्थन मूल्य को किसान सार्वजनिक करने और उसका पालन न करने वालों पर लूट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
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क्या कहते हैं किसान नेता
रबी की फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने से यह मूल्य किसान की झोली में नहीं आ जाता। सरकार द्वारा घोषित मूल्य से कम जो लोग किसान की फसल खरीदते हैं उनके खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज हो और सख्ताई से पालन हो। तभी किसानों को सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
-मांगेराम त्यागी, मंडल अध्यक्ष, भाकियू
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समर्थन मूल्य प्रत्येक वर्ष बढ़ाया जाता है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ ओर है। मक्का का समर्थन मूल्य 1800 से अधिक था, लेकिन किसान मंडियों में 900 रुपये प्रति कुंतल बेचने को मजबूर रहा। क्योंकि, यहां क्रय केंद्र ही नहीं खोले गए। ऐसे में किसानों को इनका लाभ नहीं मिला।
अरब सिह, जिला महासचिव भाकियू