Move to Jagran APP

शिक्षकों को लील गया कोरोना, सिस्टम ने आश्रितों का तोड़ा भरोसा

चुनाव ड्यूटी के कारण संक्रमित होकर जान गंवाने वाले शिक्षक और कर्मचारियों की मौत पर मुआवजा देने की बारी आई तो सरकार ने मापदंड तय कर दिए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 11:22 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 11:22 PM (IST)
शिक्षकों को लील गया कोरोना, सिस्टम ने आश्रितों का तोड़ा भरोसा
शिक्षकों को लील गया कोरोना, सिस्टम ने आश्रितों का तोड़ा भरोसा

बुलंदशहर, जेएनएन। चुनाव ड्यूटी के कारण संक्रमित होकर जान गंवाने वाले शिक्षक और कर्मचारियों की मौत पर मुआवजा देने की बारी आई तो सरकार ने मापदंड तय कर दिए। जिन्हें देख शिक्षक संघ मुखर हो गया है। यह सवाल साथियों के मन में उठने लगा कि शिक्षक-कर्मचारियों की जिदगी तो कोरोना लील गया, लेकिन आश्रितों को जगी आस को सिस्टम ने ही मार दिया है। ऐसे में प्रांतीय कार्यकारिणी ने तुरंत वर्चुअल बैठक बुलाई। इसमें मौत की गणना का विरोध करते हुए छह सूत्रीय मांग पत्र शासन-प्रशासन को सौंपने का निर्णय लिया है।

loksabha election banner

शिक्षक संघ के प्रांतीय संयुक्त महामंत्री एवं जिलाध्यक्ष सुरेंद्र यादव ने बताया कि वर्चुअल बैठक में तय हुआ कि पूर्व में 706 शिक्षकों की सूची मुख्यमंत्री को भेजी गई थी। जिसमें जिले के परिषदीय स्कूलों के 16 शिक्षक शामिल रहे। जबकि अब तक संक्रमण की चपेट में आकर मरने वाले शिक्षक-कर्मचारियों की संख्या करीब 800 तक पहुंच गई है। इसमें जिले के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के करीब 30 शिक्षक-कर्मचारी शामिल हैं। ये सभी वह हैं जो चुनाव ड्यूटी करने के कारण संक्रमित हुए थे। घर आने के बाद इनकी उपचार के दौरान मौत हुई है। सरकार मुआवजा देने से बचने के लिए मौत की गणना चुनाव ड्यूटी से घर आने-जाने तक कर रही है। जिसका संगठन विरोध जता रहा है और सरकार के रवैये पर सवाल उठाए जा रहें हैं।

यह उठाई मांग

मृतक शिक्षक-कर्मचारियों के परिवार को 50 लाख का मुआवजा, मृतकों के डिग्री धारक आश्रितों को टीईटी से छूट देकर सहायक अध्यापक बनाने, अन्य को लिपिक पद पर नौकरी देने, पुरानी पेंशन के तहत पेंशन दिलाने, ग्रेच्युटी का लाभ दिलाने, सभी मरने वालों को कोरोना योद्धा घोषित करने, स्वस्थ्य हो चुके शिक्षक-कर्मचारियों के इलाज का खर्च सरकार की ओर से वहन करने की मांग उठाई गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.