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ग्राहकों की कर रहे जरूरत पूरा, फिर भी नहीं फ्रंट लाइन वर्कर

महामारी के दौर में बैंककर्मी लगातार काम करके ग्राहकों को सुविधा प्रदान कर रहे हैं लेकिन उन्हें फ्रंट लाइन वर्कर नहीं माना जा रहा है। कोरोना योद्धाओं का दर्जा नहीं दिया गया है और न ही वैक्सीनेशन में भी वरीयता दी जा रही है। जबकि बैंककर्मियों को भी कोरोना लील रहा है। राज्य सरकार के इस उपेक्षापूर्ण रवैये पर अब बैंककर्मियों में नाराजगी बढ़ने लगी है। साथ ही फ्रंट लाइन वर्करों की तरह ही सुविधा प्रदान करने की मांग उठने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 10:55 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 10:55 PM (IST)
ग्राहकों की कर रहे जरूरत पूरा, फिर भी नहीं फ्रंट लाइन वर्कर

बुलंदशहर, जेएनएन। महामारी के दौर में बैंककर्मी लगातार काम करके ग्राहकों को सुविधा प्रदान कर रहे हैं, लेकिन उन्हें फ्रंट लाइन वर्कर नहीं माना जा रहा है। कोरोना योद्धाओं का दर्जा नहीं दिया गया है और न ही वैक्सीनेशन में भी वरीयता दी जा रही है। जबकि बैंककर्मियों को भी कोरोना लील रहा है। राज्य सरकार के इस उपेक्षापूर्ण रवैये पर अब बैंककर्मियों में नाराजगी बढ़ने लगी है। साथ ही फ्रंट लाइन वर्करों की तरह ही सुविधा प्रदान करने की मांग उठने लगी है।

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दरअसल, बैंककर्मी भी संक्रमण की चपेट में आकर जान गवां रहे हैं। फिर भी बैंक शाखाएं खोली जा रही है। हालांकि सतर्कता बरतते हुए बैंक शाखाओं को सप्ताह में चार दिन-चार घंटे ही खोलने के निर्देश है। बैंककर्मी भी इस महामारी के दौर में अपना फर्ज निभा रहे हैं। ग्राहकों की रुपयों की जरूरत पूरी कर रहे हैं। फिर भी राज्य सरकार ने इन्हें फ्रंट लाइन वर्कर नहीं मान कोरोना योद्धा का दर्जा नहीं दिया है। जबकि बैंक यूनियन की मांग पर केंद्रीय वित्त् मंत्रालय तक इन्हें कोरोना योद्धा घोषित करने के लिए पत्र जारी कर चुका है। फिर भी बैंककर्मियों में न तो कोरोना से बचाव के लिए लगाए जा रहे राहत के टीके में वरीयता दी गई है और न ही उनकी सुरक्षा की ओर ध्यान दिया जा रहा है। जिसकी वजह से बैंक कर्मचारी राज्य सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये को लेकर खासे खफा है और फ्रंट लाइन वर्करों की तरह ही सुविधा प्रदान करने की मांग करने लगे हैं।

इन्होंने कहा..

भयंकर महामारी के बीच बैंक कर्मचारी भी अपना जिम्मेदारी निभा रहे है। राज्य सरकार को फ्रंट लाइन वर्कर मनाकर कोरोना योद्धा का दर्जा देना चाहिए, लेकिन केंद्रीय वित्त् मंत्रालय से पत्र आने के बाद भी राज्य सरकार रवैया उपेक्षा पूर्ण ही रहा है। यदि समय फ्रंट लाइन वर्करों की तरह बैंक कर्मचारियों को भी वैक्सीन लगाने में वरीयता मिलती तो काफी राहत मिलती। साथी संक्रमित न होते और कोरोना से बचे रहते हैं।

विजय गांधी, एलडीएम।


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