महिला सुरक्षा को लेकर सरकार बनाए सख्त कानून
आम बजट को लेकर सभी वर्ग में उत्सुकता है। हर किसी को उम्मीदें हैं कि उनके लिए इस बार कुछ विशेष होगा। जिसमें महिला वर्ग भी बजट को लेकर काफी उत्साहित हैं। वह सुरक्षा के साथ-साथ सख्त कानून चाहती हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। आम बजट को लेकर सभी वर्ग में उत्सुकता है। हर किसी को उम्मीदें हैं कि उनके लिए इस बार कुछ विशेष होगा। जिसमें महिला वर्ग भी बजट को लेकर काफी उत्साहित हैं। वह सुरक्षा के साथ-साथ सख्त कानून चाहती हैं। साथ ही उनके द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में भी उचित कदम उठाए जाने की मांग सरकार से है।
महिलाओं का कहना है कि वह अपने आप को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करें। इस दिशा में सरकार को कदम उठाने चाहिए और ऐसी व्यवस्था करते हुए सख्त कानून बनाने चाहिए। जिससे महिलाओं की सुरक्षा पर किसी तरह का खतरा ना रहे। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से बसों और ट्रेनों में सीटें बढ़ाए जाने की मांग है। उनके द्वारा दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों में महिलाओं के लिए अलग से बसें चलाने और उन बसों में महिलाएं ही चालक और परिचालक हो। साथ ही ट्रेनों में भी महिला कोच की संख्या बढ़ाई जाए। महिलाओं द्वारा सुरक्षा के लिए कुछ खास इंतजामात की होने भी आवश्यक हैं। उनका कहना है कि सिर्फ योजनाएं बनाने से काम नहीं चलने वाला, उसे पूरी शिद्दत से लागू भी किया जाए। बोलीं महिलाएं..
सरकार बजट में महिला सुरक्षा को लेकर सख्त कानून बनाते हुए उसे धरातल पर लागू करें। महिला सशक्तिकरण के लिए योजना बनाकर अलग से बजट जारी करें। नई भर्ती करें तथा उन भर्तियों में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए।
-मंजू निवासी गांव सालाबाद। ट्रेनों और बसों में महिलाओं की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाए। साथ ही ऐसी व्यवस्था की जाए कि जरुरत पड़ने पर तुरंत उन्हें सुरक्षा उपलब्ध हो सके और महिलाओं की सुरक्षा बने आरोपितों पर कार्रवाई हो।
-हिना निवासी कस्बा छतारी। महिलाओं व बेरोजगारों को बजट में विशेष रियायत मिलनी चाहिए। जिला व ब्लाक स्तर पर महिला आत्मरक्षा केंद्र खुलने चाहिए। जिसमें बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जाए। जिससे जरुरत पड़ने पर किसी भी परिस्थिति से निपट सकें।
-नीलम निवासी गांव पंडरावल। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को देखते हुए कानून को और सख्त करने की जरुरत है। ऐसी व्यवस्था हो कि दुष्कर्म जैसे घिनौने कृत्य करने वालों को कुछ महीनों में ही दंडित किया जा सके।
-सरोज देवी निवासी गांव बैरमनगर।