श्रीकृष्ण की बाल लीला सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु
क्षेत्र के गांव जयरामपुर में गुरुवार को श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन धर्म प्रेमीजनों को कृष्ण जन्म व उनकी बाल लीलाओं कथा सुना गई। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर कर दिया और कथा सुनने के लिए शाम तक श्रद्धालु डटे रहे।
बुलंदशहर, जेएनएन। क्षेत्र के गांव जयरामपुर में गुरुवार को श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन धर्म प्रेमीजनों को कृष्ण जन्म व उनकी बाल लीलाओं कथा सुना गई। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर कर दिया और कथा सुनने के लिए शाम तक श्रद्धालु डटे रहे।
छतारी के गांव जयरामपुर में आयोजित भागवत कथा में चौथे दिन कथा व्यास पंडित रमाकांत व्यास ने कहा कि अखिल कोटि ब्रह्मांड आनंद कंद मुरली मनोहर का जन्म होते ही जेल के फाटक स्वत: खुल गए। कंस द्वारा सूचना के लिए लगाए गए पहरेदार भी सो गए। उन्होंने कहा कंस जैसे अधर्मी का नाश करने के लिए ही भगवान श्रीकृष्ण ने इस संसार में अवतार लिया था। कृष्ण ने गीता में उपदेश दिया है कि अन्याय के आगे कभी भी झुको मत। दीन दुखी की मदद करो। अच्छा कर्म करो फल की इच्छा मत करो। कथा वाचक ने बताया कि बालक कृष्ण को कंस ने मरवाने के बहुत प्रयास किए। मायावी शक्तियां भेजी गई। कृष्ण की बाल लीलाओं में माखन चोरी एवं गोवर्धन पर्वत उठा कर इंद्र के प्रकोप से बचाने का वर्णन बड़े ही मार्मिक ढंग से सुनाया। यह कथा सुनकर धर्मप्रेमी भाव विभोर होकर जय कन्हैया लाल की बोलते हुए नृत्य करने लगे। इस मौके पर रघुवीर शर्मा, सुरेश शर्मा, महेंद्र पाल, राधेश्याम, श्रीओम, हरेंद्र, वीर सिंह, रामकुमार उर्फ बापू, वनी सिंह, नीटू शर्मा, रामवीर शर्मा आदि रहे।
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उपेंद्र, अनुज