सिस्टम नाकाम ..सड़कों पर मर रहा आवाम
पिछले पांच वर्ष में 1820 लोगों ने सड़क हादसों में गवाई जान
बुलंदशहर, जेएनएन : सिस्टम की नाकामी के चलते जिले के लोग सड़क हादसों में रोजाना मर रहे हैं। आंकड़ा देखा जाए तो हर रोज दो से तीन लोग मर रहे हैं। पिछले पांच साल में 3088 सड़क हादसे हुए। जिनमें 1820 लोग मारे गए। वहीं, 2352 लोग घायल हुए। हर साल नवंबर में यातायात सड़क सुरक्षा माह मनाया जाता है। वर्तमान में भी चल रहा है, लेकिन न तो लोगों को जागरूक किया जा रहा है और न ही एक्सीडेंटल प्वाइंट पर चेतावनी वाले बोर्ड लगाए जा रहे हैं। हैरत की बात ये हैं कि 1215 लोग सिर्फ इसलिए मारे गए कि उन्होंने हेलमेट और सीटबेल्ट नहीं लगाई हुई थी। जिससे साफ है कि सिस्टम नाकाम साबित हो रहा है और सड़कों पर आवाम मर रहा है। सख्ती हो तो लोग नियमों का करें पालन
जिले के ट्रैफिक विभाग में स्टाफ कम होने के कारण कमजोर पड़ रहा है। बुलंदशहर में यह विभाग केवल एक ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर के सहारे चलता है। इसके अलावा कुल मिलाकर स्टाफ में 30 लोग शामिल हैं। कुछ होमगार्ड मिल जाते हैं। यह स्टाफ शहर के अलावा खुर्जा, सिकंदराबाद आदि बड़े कस्बों में भी ट्रैफिक व्यवस्था देखता है। जुर्माना वसूलना मकसद, सख्ती नहीं
यातायात माह में 21 नवंबर तक की बात करें तो पूरे जिले में ट्रैफिक और थाना पुलिस ने मिलकर कुल 903 चालान किए हैं। इसके अलावा पांच वाहनों को सीज किया गया है। वहीं, एक लाख 87 हजार 500 रुपये का जुर्माना वसूला गया हैं। जबकि नियमों का पालन कराने के लिए कोई सख्ती नहीं दिखाई जा रही है। केवल जुर्माना वसूलना ही मकसद दिख रहा है। 2015 से 2019 तक हुए हादसे
वर्ष हादसे मृतक घायल
2015 521 300 410
2016 531 349 238
2017 570 275 522
2018 675 377 539
2019 791 519 643
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यहां है एक्सीडेंटल प्वाइंट, नहीं लगे चेतावनी बोर्ड
हाईवे नाम स्थान दूरी दायरा
एनएच-235 जैनपुरा तिराहा 500
एनएच-235 अढ़ोली मोड़ 400
एन-91 ममन चुंगी 500
एन-91 सुनहरा टी-प्वाइंट 400
एन-91 जीटी रोड कट 300
एन-91 अग्रवाल फाटक 500
एन-91 ममन फ्लाइओवर 400
एसएच-43 अनूपशहर चौराहा 500
एसएच-65 रामा डेयरी 200
ओआर लीना रोड 500
नोट : सभी दूरी मीटर में है।
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इन्होंने कहा ..
ट्रैफिक नियमों को लेकर स्कूल कॉलेजों में हमारा अभियान चल रहा है। यातायात माह में भी प्रतिदिन सड़क हादसों को रोकने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। नियमों का पालन कराने के लिए सख्ती बरती जा रही है।
- संतोष कुमार सिंह, एसएसपी