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सर्जिकल स्ट्राइक ने बदली सोच, युवाओं में जागा जोश

बुलंदशहर की धरती वीर सैनिकों की धरती रही है यहां के वीर सपूत देश की सरहद की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान कर चुके हैं। अब सर्जिकल स्ट्राइक के बाद युवाओं का जोश और जुनून काबिले तारीफ है। युवा का जोश देश के भविष्य के लिए शुभ संकेत हैं। देखकर अच्छा लगता है कि आज का युवा सेना में देश सेवा के लिए भर्ती होने को पसीना बहा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 10:18 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 06:19 AM (IST)
सर्जिकल स्ट्राइक ने बदली सोच, युवाओं में जागा जोश

बुलंदशहर : पहले पड़ोसी मुल्क म्यांमार और बाद में पाक में घुसकर भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक ने जिले के युवाओं की सोच बदलने के साथ जोश भी जगा दिया है। सैनिकों की धरती कहे जाने वाले इस जिले में वर्तमान में दस हजार से अधिक युवा सेना भर्ती की तैयारियों में जुटे हुए हैं। सैनिक ही नहीं युवा अफसर बनने के लिए भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

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पश्चिम उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक सैनिकों की मातृभूमि वाले जनपद के युवा एक बार फिर से जोश में है। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद देश में बने माहौल का सबसे अधिक असर यहां के युवाओं पर देखने को मिला। देश प्रेम की भावना से भरे जज्बे को लेकर युवाओं की टोली सुबह-शाम खुद को सेना के काबिल बनाने में जुटी है। सड़क का किनारा हो या गांव के खाली मैदान सुबह-शाम युवा अपना पसीना दौड़ लगाकर बहा रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षो पर गौर करें तो युवाओं का आकर्षण सेना के प्रति कुछ कम रहा। पिछले दस साल में सेना में भर्ती होने वाले युवाओं की संख्या में कमी आई लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बने माहौल ने युवाओं की सोच को काफी बदल दिया है। उम्मीद जगा रहा है सैदपुर

जिले का गौरव और सैनिकों की जन्मभूमि के रूप में विख्यात बीबीनगर क्षेत्र के गांव सैदपुर हमेशा से युवाओं में जोश जगाने की मिशाल रहा है। यहां लगभग हर घर का युवा सेना में भर्ती हुआ है। सेना भी इस गांव में भर्ती कैंप का आयोजन समय-समय पर करती रही है। वर्तमान में सैकड़ों की संख्या में इस गांव के युवा सेना भर्ती की तैयारी में जुटे हुए हैं। शहरी युवा भी बोले हाउ इज द जोश

अभी तक माना जाता था कि ग्रामीण युवाओं में ही सेना में भर्ती होने का जुनून रहता था, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक ने शहरी क्षेत्र के युवाओं की सोच को भी बदल कर रख दिया है। बुलंदशहर के साथ जनपद के अन्य कस्बों के तमाम युवा सेना में भर्ती होने के लिए जहां शारीरिक रूप में खुद को तैयार कर रहे हैं वहीं कोचिग आदि का सहारा लेकर सेना में अधिकारी बनने की कवायद में भी जुटे हैं।

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इन्होंने कहा ..

बुलंदशहर की धरती वीर सैनिकों की धरती रही है। यहां के वीर सपूत देश की सरहद की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान कर चुके हैं। अब सर्जिकल स्ट्राइक के बाद युवाओं का जोश और जुनून काबिले तारीफ है। युवा का जोश देश के भविष्य के लिए शुभ संकेत हैं। देखकर अच्छा लगता है कि आज का युवा सेना में भर्ती होने को पसीना बहा रहा है।

- योगेंद्र यादव, सूबेदार मेजर, परमवीर चक्र विजेता


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