बीएएमएस चिकित्सक से सर्जरी आमजन के हित में नहीं: डा. वीरेंद्र
सरकार द्वारा बीएएमएस डिग्री धारकों से सर्जरी करने का आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने विरोध शुरू कर दिया है। आइएमए के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर इसका पुरजोर विरोध किया और आगे के आंदोलन की रणनीति तय कर कार्यक्रम घोषित किया। केंद्र और प्रदेश की सरकारों को डाक्टर ज्ञापन देंगे।
जेएनएन, बुलंदशहर। सरकार द्वारा बीएएमएस डिग्री धारकों से सर्जरी करने का आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने विरोध शुरू कर दिया है। आइएमए के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर इसका पुरजोर विरोध किया और आगे के आंदोलन की रणनीति तय कर कार्यक्रम घोषित किया। केंद्र और प्रदेश की सरकारों को डाक्टर ज्ञापन देंगे।
भूड़ चौराहा स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में आइएमए अध्यक्ष डा. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि एलोपैथ में किसी एक रोग पर चिकित्सक की विशेषज्ञता होती है। आंखों के डाक्टर हड्डी का आपरेशन नहीं कर सकते लेकिन सरकार वैद्य से आपरेशन कराने के लिए गजट कर रही है। बीएएमएस डिग्री धारक से आपरेशन आमजन के हित में नहीं है। आयुर्वेदिक चिकित्सा का नहीं केवल आपरेशन कराने का विरोध है। सचिव डा. संजीव अग्रवाल ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पुरानी है लेकिन इसमें शोध नहीं हुए इसलिए आज की बीमारियों में ये पद्धति कारगर साबित नहीं हो रही है। 30 साल पहले तक दवाओं के अभाव में बीमार लोग मरते थे लेकिन एलोपैथ लगातार नई-नई दवाएं विकसित कर लोगों को बीमारियों से बचा रहा है। आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डा. प्रदीप मलिक ने कहा कि चिकित्सा पद्धति खराब नहीं है। पुराने वैद्य बहुत विद्वान थे कारगर इलाज करते थे आज वैद्य उनके सामने कुछ नहीं जानते। आज के वैद्य यानी बीएएमएस एलोपैथ से इलाज कर रहे हैं। सरकार बीएएमएस से आपरेशन कराकर इलाज की खिचड़ी कर रही है। सरकार का निर्णय बिल्कुल गलत है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। आठ को सांकेतिक धरना
आइएमए आठ दिसंबर को सांकेतिक धरना करेगा। इसमें सभी डाक्टर बीएएमएस से सर्जरी का विरोध करेंगे। इसके बाद 11 दिसंबर को हड़ताल करके चिकित्सक टोली बनाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। टोली इसलिए बनाई जाएगी ताकि कोरोना की गाइडलाइन का पालन हो। इस दौरान चिकित्सक कोरोना के मरीज और बहुत ज्यादा इमरजेंसी के मरीजों को इलाज देंगे।