स्कूल में पढ़ाई होती बेहतर, आनलाइन में नजर नहीं हरकत
जेएनएन बुलंदशहर आनलाइन कक्षाओं में बच्चे मनमानी तो करते हैं। साथ ही खेलने और मनोरंजन करने में लगे रहते हैं। उनकी यह हरकतें शिक्षकों को नजर नहीं आतीं हैं। यदि स्कूल में पढ़ाई होती है तो बच्चे बेहतर सीख पाते हैं।
जेएनएन, बुलंदशहर : आनलाइन कक्षाओं में बच्चे मनमानी तो करते हैं। साथ ही खेलने और मनोरंजन करने में लगे रहते हैं। उनकी यह हरकतें शिक्षकों को नजर नहीं आतीं हैं। यदि स्कूल में पढ़ाई होती है तो बच्चे बेहतर सीख पाते हैं। खुद बच्चों ने आनलाइन कक्षाओं को लेकर यह हकीकत बयां की है। आनलाइन क्लास की तकनीकी खामियों को दूर करने की बात कही है।
निजी स्कूल की आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले सुहान (काल्पिनक नाम) ने बताया कि कोरोना काल में स्कूल बंद होने पर शुरू हुई आनलाइन क्लास बच्चों को ज्ञान कम मनोरंजन का अधिक साधन बन गई है। इनमें बच्चे शिक्षकों की बात पर गौर फरमाने की बजाय आपस में चैट करने में मशगूल हो रहे हैं। पढ़ाई की बजाय गेम खेलने में व्यस्त हो रहे हैं। वहीं, शिक्षक भी अपना समय पूरा कर आनलाइन कक्षाओं की औपचारिकता निभा रहे हैं। सातवीं कक्षा के वैभव (काल्पिनक नाम) ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई और आनलाइन पढ़ाई में काफी अंतर होता है। जूए एप पर जब क्लास चलती है तो बच्चे अपना व्यक्तिगत गु्रप बना लेते हैं। आपस में चैटिग करने लगते हैं। इसके अलावा मोबाइल स्क्रीन को छोटा करके क्या कर रहे हैं, यह शिक्षकों को पता नहीं होता। कुछ तो कैमरा तक बंद कर देते हैं। माइक म्यूट करके गेम खेलने या टीवी देखने में लगे रहते हैं। जब उनका नाम पुकारा जाता है तो तुंरत कक्षाओं में हाजिर हो जाते हैं। ऐसे में आनलाइन क्लास की तकनीकी खामियों को दूर करके और अपडेट करना चाहिए।