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जांच के इंतजार में 'मिट्टी' हो गए मिट्टी के नमूने

केंद्र सरकार ने 2022 तक हर हाल में किसानों की आय दोगुनी करने की योजना तैयार कर काम शुरू किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 11:44 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 06:23 AM (IST)
जांच के इंतजार में 'मिट्टी' हो गए मिट्टी के नमूने
जांच के इंतजार में 'मिट्टी' हो गए मिट्टी के नमूने

बुलंदशहर, जेएनएन : केंद्र सरकार ने 2022 तक हर हाल में किसानों की आय दोगुनी करने की योजना तैयार कर काम शुरू किया। तमाम संसाधन भी उपलब्ध कराए और किसानों को तमाम सुविधा देने के साथ खेती-किसानी के तरीकों में भी बदलाव किया गया। लेकिन धरातल पर दी जा रही सुविधाओं को असर नहीं है। फसल बुआई से पहले मिट्टी की जांच के लिए नमूने किसानों ने इस उम्मीद के साथ लैब भेजे थे कि मिट्टी की रिपोर्ट के आधार पर फसल की बुआई करेंगे। लेकिन एक साल पहले जांच के लिए परीक्षण लैब आए नमूने रखे-रखे मिट्टी हो गए।

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मिट्टी की गिरती उत्पादक क्षमता को बढ़ाने और किसानों को धरती की सेहत का रिपोर्ट कार्ड सौंपने के लिए मृदा परीक्षण लैब की स्थापना की गई थी। पिछले साल करीब 60 हजार से अधिक किसानों ने अपने खेतों की सेहत की जांच के लिए मिट्टी के नमूने जांच के लिए भेजे। हैरत की बात है कि एक साल बीतने के बाद भी मिट्टी की सेहत का रिपोर्ट कार्ड किसानों तक नहीं पहुंच सका है। लैब में मात्र 23 हजार के करीब नमूनों की जांच हो सकी है। जबकि, बाकि नमूने अभी भी लैब के बाहर पड़े हैं।

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पोषक-सूक्ष्म तत्वों की होती है जांच

प्रयोगशाला में रखे मिट्टी के नमूनों में मुख्य पोषक तत्व (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश)व सूक्ष्म पोषक तत्व (बोरोन, जिक, मैगनीज,कॉपर व सल्फर) की स्थिति की जांच की जानी है। कृषि विभाग को किसानों को उनकी मिट्टी की सेहत का रिपोर्ट कार्ड सौंपकर उसके अनुसार ही खेती करने के लिए जागरूक करना है।

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जांच रसायन ही नहीं

मिट्टी की जांच के लिए जरूरी सल्फर एसिड सहित शोनार व 42 नंबर फिल्टर पेपर आदि काफी समय से नहीं है। अधिकारी बताते हैं कि कई बार इस संबंध में विभाग के उच्चाधिकारियों को बताया गया, लेकिन रसायन की आपूर्ति नहीं हो सकी।

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मृदा परीक्षण की स्थिति

59,546 - नमूने पिछले साल जांच के लिए आए

23,818 - नमूनों का ही हो सका परीक्षण

35,728 - नमूने अभी भी जांच का कर रहे इंतजार

49,125 - नमूने इस साल आए जांच के लिए इन्होंने कहा ..

प्रयोगशाला में कई रसायनों नहीं होने के कारण मिट्टी की जांच नहीं हो पा रही है। कई बार विभागीय अधिकारियों को इस सबंध में अवगत करा रसायन और अन्य सामान की आपूर्ति की मांग की जा चुकी है।

- आरके चौधरी उप कृषि निदेशक।


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