कचरे से अटा नाला, कोई नहीं देखने वाला
बरसात में शहर को जलभराव से निजात दिलाने के लिए दावे चाहे जो भी किए जा रहे हों लेकिन धरातल पर हकीकत किसी से छिपी नहीं है। शहर के अधिकांश नाले सिल्ट और पॉलीथिन से अटे पड़े हैं। कागजों में ही नाला सफाई का अभियान चलाकर खानापूर्ति कर दी गई।
बुलंदशहर, जेएनएन। बरसात में शहर को जलभराव से निजात दिलाने के लिए दावे चाहे जो भी किए जा रहे हों लेकिन धरातल पर हकीकत किसी से छिपी नहीं है। शहर के अधिकांश नाले सिल्ट और पॉलीथिन से अटे पड़े हैं। कागजों में ही नाला सफाई का अभियान चलाकर खानापूर्ति कर दी गई। बारिश के बाद शहर के पहले जैसे ही हालात होंगे।
शहर में छोटे-बड़े करीब 40 नाले हैं। मानसून आने से पहले हर साल इन नालों को साफ कराया जाता है। इस बार भी जून माह में नालों की सफाई को लेकर अभियान चलाया गया। कुछ नालों पर पालिका की टीम और जेसीबी खड़ी दिखाई दी। सफाई के नाम पर नालों कुछ सिल्ट भी निकाली गई। लेकिन नालों में सिल्ट अभी साफ नजर आती है। शहर के पुलिस लाइन का नाला, दिल्ली रोड का नाला, शिकारपुर रोड नाला, चांदपुर रोड नाला, मोतीबाग के नाले समेत स्याना अड्डा और अनूपशहर के नालों का हाल पालिका की सफाई की पोल खोल रहा है। नालों की सफाई का ये आलम तो तब है, पालिका के पास सफाईकर्मियों के साथ ही सुपरवाइजर और सफाई निरीक्षक भी नालों के निरीक्षण का दम भरते हैं। स्थानीय लोग सभासदों से नालों की सफाई की मांग करते रहते हैं। कुछ जागरुक सभासद भी पालिका में जलभराव के भय से पालिका में शिकायत करते हैं, लेकिन हालत जस के तस हैं। इन्होंने कहा..
लोगों की शिकायतें आ रही हैं। जहां नाले सिल्ट से भरे हैं वहां साफ कराए जा रहे हैं। जैसे ही लोगों की शिकायत आती है तो तुरंत टीम लेकर पहुंचते हैं और सफाई कराते हैं।
-मनोज गर्ग, पालिका चेयरमैन लोगों को भी सहयोग करना चाहिए। कचरा डस्टबिन के बजाए लोग नाले में ही डालते हैं। नालों की सफाई का काम चल रहा है। जल्द ही सभी नालों की सफाई कराई जाएगी।
-निहालचंद, पालिका ईओ