इंसानियत की सेवा सबसे बड़ा सवाब
लम्हा-लम्हा नेकियों का है। इस पाक माह मे अल्लाह जन्नत के दरवाजे खोल देता है व दोजख के दरवाजों को बन्द कर देता है वहीं शैतान को कैद कर लेता है।
मुस्लिम डिग्री कॉलेज की प्रवक्ता डॉ. नसरीन बेगम ने मानना है कि इंसानियत की सेवा सबसे बड़ा सवाब रमजान में नेक काम करने वालों को अल्लाह नेकियों से मालामाल करते हैं। इस बार रमजान माह विषम परिस्थिति में आया है। महामारी से दुनिया जूझ रही है। ऐसे में गरीब और असहायों को मदद की बहुत जरुरत है। लंबे लॉकडाउन के चलते जेब भी खाली हो गईं। इसलिए इबादत के साथ इंसानियत की सेवा भी जरूर करें। अपने आसपास रहने वाले असहाय, भूखे, गरीबों, जरुरतमंदों की मदद करें। भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाना बड़े सवाब का काम है। लॉकडाउन का पालन करें और घर में रहकर ही इबादत करें। रोजेदार के लिए रमजान का लम्हा-लम्हा नेकियों का है। इस पाक माह मे अल्लाह जन्नत के दरवाजे खोल देता है व दोजख के दरवाजों को बन्द कर देता है, वहीं शैतान को कैद कर लेता है। रमजान में अल्लाह फर्ज अदा करने का सवाब 70 गुना अधिक देता है। रोजे हर मुसलमान का फर्ज हैं। जकात और फितर भी अवश्य देनी चाहिए।