विद्वानों ने दिए कोरोना के प्रभाव से बचने के टिप्स
इंपैक्ट ऑफ कोविड-19 इंडियन कल्चर स्पिरिचुअलिटी एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी विषय पर आधारित अन्तर राष्ट्रीय सेमिनार देश और दुनिया के तमाम विशेषज्ञों ने वायरस की रोकथाम और उसके प्रभावों से राष्ट्र को बचाने के लिए टिप्स दिए। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिक्षेत्र की ये पहली अंतरराष्ट्रीय सेमिनार थी।
बुलंदशहर, जेएनएन। खुर्जा के चौधरी हरचंद सिंह महाविद्यालय परिसर में वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें अनेकों विशेषज्ञों ने कोरोना महामारी के प्रभाव से संस्कृति और शिक्षा को बचाने के लिए सुझाव दिए।
इंपैक्ट ऑफ कोविड-19 इंडियन कल्चर, स्पिरिचुअलिटी, एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी विषय पर आधारित अन्तर राष्ट्रीय सेमिनार देश और दुनिया के तमाम विशेषज्ञों ने वायरस की रोकथाम और उसके प्रभावों से राष्ट्र को बचाने के लिए टिप्स दिए। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिक्षेत्र की ये पहली अंतरराष्ट्रीय सेमिनार थी। ये सेमिनार श्री राम ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेज मुजफ्फरनगर और चौधरी हरचंद सिंह ग्रुप ऑफ कॉलेजेज खुर्जा के चेयरमैन डा. एससी कुलश्रेठ के निर्देशन में हुई। मुख्य अतिथि डा. आरपी सिंह एमडीएस विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति रहे। यूएसए के सौरभ गुप्ता, वर्ल्ड असेसमेंट काउंसिल के निदेशक और विपिन वाष्र्णेय यूएसए ने विचार रखे। इनके अतिरिक्त डा. सुधांशु जोशी देहरादून से सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ के शिक्षा विभाग के डीन प्रोफेसर जे एस भारद्वाज, बेंगलुरु से सुप्रीत नागार्जुन ने भी विचार रखे। प्रतिभागियों को बताया कि कोविड-19 का भारतीय संस्कृति अध्यात्म शिक्षा और तकनीक पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस प्रभाव से किस प्रकार बचा जा सकता है। इस प्रभाव के दूरगामी परिणाम क्या होंगे? इन परिणामों के बीच स्वयं को समायोजित करने के लिए कालेज संस्थानों शिक्षकों और छात्रों द्वारा क्या उपक्रम किए जाएं। सभी प्रतिभागियों को ऑनलाइन मेल के द्वारा प्रमाण पत्र जारी किए गए।