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सौभाग्य योजना ने रोशन कर दिए गरीबों के घर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना सौभाग्य ने जिले में गरीबों के घर रोशन कर दिये हैं। दो लाख 19 हजार 683 घरों में निश्शुल्क कनेक्शन देकर घर-घर बिजली पहुंचाई गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 08:31 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 08:31 PM (IST)
सौभाग्य योजना ने रोशन कर दिए गरीबों के घर

बुलंदशहर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना सौभाग्य ने जिले में गरीबों के घर रोशन कर दिये हैं। दो लाख 19 हजार 683 घरों में निश्शुल्क कनेक्शन देकर घर-घर बिजली पहुंचाई गई है। केंद्र सरकार ने जिले में सौभाग्य योजना के द्वारा विद्युतीकरण पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। बिजली से वंचित चले आ रहे 1724 मजरों का विद्युतीकरण किया गया, लेकिन बिजली सप्लाई फाल्ट के चलते लड़खड़ा रही है।

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अप्रैल 2018 में जिले में केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना का काम शुरू हुआ। इस योजना से पहले 1724 मजरों में बिजली नहीं थी। कई गांवों में हजारों की संख्या में ऐसे गरीब थे, जोकि रुपयों के अभाव में बिजली कनेक्शन नहीं ले पा रहे थे। गरीबों के घरों में अंधेरे की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सौभाग्य योजना शुरू की। 33/11 केवी के नये बिजली उपकेंद्र बनाकर ऊर्जीकरण किया गया। 17 बिजली उपकेंद्रों की क्षमतावृद्धि की गई। 6373 नये बिजली ट्रांसफार्मर लगाये गये। ट्रांसमिशन के जहांगीराबाद और शहर के बुलंदशहर के भूड़ चौराहे के पास बने 132 केवी बिजलीघरों का ऊर्जीकरण किया गया। जहांगीराबाद और खुर्जा में 220 केवी व बीबीनगर में 132 केवी ट्रांसमिशन बिजलीघरों की क्षमतावृद्धि की गई। सौभाग्य योजना से विद्युतीकरण पर काम तो खूब हुआ। लेकिन लोकल फाल्ट के चलते बिजली सप्लाई अभी भी लड़खड़ा रही है। देहात क्षेत्र में सप्लाई 10 घंटे ही मिल रही है। जबकि गांवों में दावा 20 घंटे सप्लाई करने का किया जा रहा है।

अनमीटर्ड बिल बन रहे सिरदर्द

सौभाग्य योजना से घर-घर मीटर तो लगा दिये गये। लेकिन जिलेभर में 20 हजार से अधिक ऐसे उपभोक्ता भी परेशान घूम रहे हैं, जिनके घर मीटर लगने के बाद भी फिक्स बिल 910 रुपये प्रतिमाह भेजा जा रहा है। जबकि उन घरों में बिजली की खपत 100 से 150 रीडिंग ही है। मीटर से बिलिग हो तो 400 से 500 रुपये के बीच ही बिल आएगा।

रुक गई बिजली चोरी

सौभाग्य योजना आने से पहले जिलेभर में हजारों घरों में बिजली चोरी होती थी। इससे लाइन लॉस बढ़ा हुआ था। लेकिन घर-घर मीटर लगने के बाद बिजली की चोरी रुक गई है। बिजली की खपत पर तीन से पांच प्रतिशत तक खपत कम हुई है।

कुछ घरों में अभी भी अंधेरा

सौभाग्य योजना से पांच सौ करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी कुछ गांवों के सैकड़ों घरों में अभी भी अंधेरा है। मीटर लगने और सप्लाई चालू न होने के कुछ मामले भी सामने आ रहे हैं।

काम अभी जारी है

जहां मीटर लग चुके हैं और बिना रीडिग के बिल दिया जा रहा है। वहां मीटर रिकार्ड में न चढ़ने की समस्या है। उनको रिकार्ड में चढ़ाया जा रहा है। दो लाख 20 हजार घरों को मुफ्त कनेक्शन दिये गये। बिजली पर बहुत काम किया गया है। एक अप्रैल से सरकार 24 घंटे बिजली सप्लाई देने की योजना बना रही है। इसके लिए टेस्टिग हो चुकी है और संसाधन भी पूरे हैं। अब केवल वो घर बचे हैं, जिन्होंने खुद कनेक्शन लेने से इंकार कर दिया है। विद्युतीकरण करने वाली एलएनटी कंपनी के कर्मचारियों को गांव-गांव भेजकर फिर से व्यवस्था चेक कराई जाएगी।

-अजय अग्रवाल, एसई एवं नोडल अधिकारी-सौभाग्य


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