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पिता के वचनों का पालन करने वन चले गए श्रीराम:रामजीदास

श्रीगोपाल संकीर्तन मंडल के 33वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में मधुबन पीली कोठी पर श्रीराम कथा चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 11:09 PM (IST)
पिता के वचनों का पालन करने वन चले गए श्रीराम:रामजीदास
पिता के वचनों का पालन करने वन चले गए श्रीराम:रामजीदास

बुलंदशहर, जेएनएन: श्रीगोपाल संकीर्तन मंडल के 33वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में मधुबन पीली कोठी पर श्रीराम कथा चल रही है। शुक्रवार को कथा के दौरान श्रीराम के वन गमन और गुरु कृपा की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया।

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श्रीरामकथा सुनाते हुए रामजीदास महाराज ने सर्वप्रथम गुरु की कृपा का व्यख्यान किया। उन्होंने कहा कि गुरु कृपा की तुलसीदास को दिव्य ²ष्टि के से प्राप्त हुई और उन्होंने रामचरित मानस की रचना की। इसलिए सभी को अपने गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए। तत्पश्चात उन्होंने कथा सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन दासी की बातों में आकर रानी केकई कोप भवन में चली जाती हैं। जिन्हें मनाने के लिए राजा दशरथ उनके पास जाते हैं, तो केकई उनसे वचन में श्रीराम को वनवास और अपने पुत्र भरत को अयोध्या का राजा बनाने की बात कहती हैं। जिस पर दशरथ उन्हें समझाने की कोशिश करते हैं, लेकिन केकई नहीं मानती। जिसकी जानकारी होने पर श्रीराम, सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वन के लिए चले जाते हैं। जहां केवट उन्हें नदी को पार कराते हैं। आगे चलकर वन में श्रीराम चित्रकूट में निवास बना लेते हैं। अजय कौशल, राजेश पचौरी, विक्रम सिंह यदुवंशी, कौशल शर्मा, मनीष तायल, सौरभ बंसल, जयभगवान शर्मा आदि रहे।


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