बुलंदशहर में रेबीज से कक्षा एक के छात्र की मौत, जिले में पिछले 6 महीने में रेबीज से हुईं 3 मौतें
बुलंदशहर में रेबीज से कक्षा एक के छात्र की मौत हो गई। यह जिले में छह महीने में रेबीज से तीसरी मौत है। तीन वर्ष पहले कुत्ते ने बच्चे को काटा था। अब तीन दिन पहले बुखार आने के बाद बच्चे में रेबीज के लक्षण दिखने लगे थे।
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सत्यदेव का फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, जागरण बुलंदशहर। अरनिया क्षेत्र के गांव सुरजावली में नौ वर्षीय बच्चे की रेबीज से मौत हो गई। परिजनों को कुत्ते के काटे जाने की जानकारी नहीं थी। स्वजन का कहना है कि तीन वर्ष पहले कुत्ते ने बच्चे को काटा था। अब तीन दिन पहले बुखार आने के बाद बच्चे में रेबीज के लक्षण दिखने लगे थे।
कई अस्पतालों में दिखाने के बाद रविवार को स्वजन बच्चे को राजस्थान के भरतपुर में वैद्य के पास ले गए थे। जहां बच्चे की मौत हो गई। खुर्जा के गांव सुरजावली निवासी लालू पुत्र शिवराज सिंह ने बताया कि उनके भाई विष्णु का नौ वर्षीय पुत्र सत्यदेव गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक में पढ़ता था।
दवा देने के बाद भी हालत में नहीं हुआ सुधार
पिछले माह 27 नवंबर को सत्यदेव को तेज बुखार आ गया। जिस पर वह बच्चे को पहले गांव के एक निजी चिकित्सक के पास लेकर पहुंचे और दवा दिलाई। उसके बाद भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ, तो वह बच्चे को खुर्जा के एक निजी अस्पताल ले गए। जहां से चिकित्सक ने बच्चे को अलीगढ़ ले जाने की सलाह दी।
जिस पर स्वजन उसे अलीगढ़ के वरुण अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने रेबीज के लक्षण बताएं और स्वजन से कुत्ते के काटने के विषय में जानकारी ली। इस पर बच्चे समेत अन्य स्वजनों से पूछताछ की तो पता चला कि दो-तीन वर्ष पहले उसे कुत्ते ने काट लिया था।
बच्चे को वैध के पास ले गए परिजन
उस समय स्वजन को जानकारी नहीं हो सकी थी। अलीगढ़ के निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने उसको दिल्ली एम्स ले जाने की सलाह दी। जिस पर वह बच्चे को दिल्ली एम्स लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसमें रेबीज के लक्षण बताए। रविवार रात को स्वजन बच्चे को राजस्थान के भरतपुर स्थित वैध के यहां लेकर पहुंच गए।
जहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत के बाद स्वजन बिलख उठे। सोमवार सुबह उसका शव गांव पहुंचा और अंतिम संस्कार कर दिया गया। उधर, स्वजन का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजा जाए और पूरे परिवार के रेबीज के इंजेक्शन लगाए जाएं।
सीएमओ डॉ. सुनील कुमार दोहरे का कहना है कि इलाज का रिकॉर्ड देखे बिना कैसे मान लें, कि रेबीज से मौत हुई है। सूचना मिलने पर जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. रमित सिंह को निर्देश दिए हैं कि वह गांव में टीम भेजकर जांच कराएं और रिपोर्ट दें।

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