शासन में अटका प्रस्ताव, कैसे पूरा हो सीवर का काम
एक के बाद एक अड़ंगा लगने के कारण सीवर लाइन निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं हो पा रहा है। शहर के प्रमुख चौराहों पर सीवर लाइन को ट्रंच विधि से कनेक्ट किया जाना है। इसका प्रस्ताव नौ माह पहले शासन को भेजा गया था लेकिन अभी तक इसकी अनुमति नहीं मिली है। निर्माण कंपनी को शासन की अनुमति का इंतजार है।
बुलंदशहर, जेएनएन। एक के बाद एक अड़ंगा लगने के कारण सीवर लाइन निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं हो पा रहा है। शहर के प्रमुख चौराहों पर सीवर लाइन को ट्रंच विधि से कनेक्ट किया जाना है। इसका प्रस्ताव नौ माह पहले शासन को भेजा गया था लेकिन अभी तक इसकी अनुमति नहीं मिली है। निर्माण कंपनी को शासन की अनुमति का इंतजार है।
केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण अमृत योजना से शहर में सीवर लाइन का निर्माण किया जा रहा है। सीवर लाइन का पहले फेज का कार्य 95 फीसद पूरा हो चुका है। अब केवल शहर के मुख्य चौराहों पर लाइन को कनेक्ट किया जाना है। चौराहों को खोदना न पड़े और पब्लिक को इससे परेशानी न हो इसके लिए चौराहों पर ट्रंच विधि से सीवर लाइन को कनेक्ट किया जाना है। ट्रंच विधि से लाइन कनेक्ट करने का प्रस्ताव नवंबर 2019 में शासन को भेजा गया था लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिली है। सीवर लाइन निर्माण कंपनी के अधिकारी इसके लिए लगातार जलनिगम और प्रशासन के अफसरों से संपर्क कर रहे हैं। शासन से अनुमति मिलने के बाद चौराहों को कनेक्ट करने में करीब छह माह का समय लगेगा। ये चौराहे होंगे कनेक्ट
शहर का सबसे प्रमुख कालाआम चौराहा, शिकारपुर फ्लाई ओवर के नीचे, शिकारपुर बाइपास रोड, मामन चौराहा और कसाईवाड़ा समेत कई चौराहों को कनेक्ट किया जाना है। छह माह की देरी
कभी एनजीटी की रोक, कभी बरसात, कभी लोगों का विरोध और कभी वीआइपी मूवमेंट के चलते काम बंद रहा। लॉकडाउन में काम दो माह बंद रहा। इसके चलते काम पूरा होने में छह माह की देरी चल रही है। सीवर लाइन का कार्य फरवरी 2020 में पूरा होना था। अब शासन की देरी से काम और लेट हो रहा है। इंफो
20- फरवरी-2020 तक पूरा होना था काम
06- माह का समय और लगेगा अनुमति के बाद
320- करोड़ की है शहर की सीवरेज योजना इन्होंने कहा
सीवर लाइन के डालने के संबंध में कोई दिक्कत है, इसकी शिकायत संबंधित विभाग ने कभी नहीं की है। इस कारण जानकारी नहीं है कहां क्या परेशानी है। अगर कोई दिक्कत है तो उसका समाधान करा दिया जाएगा।
- रवींद्र कुमार, एडीएम प्रशासन