धरतीपुत्र हुए मजबूर, नहीं मिल रहे मजूदर
लॉकडाउन का बड़ा असर इस बार खेती-किसानी पर पड़ रहा है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला जिला होने के कारण यहां इस बार गेहूं की कटाई और गन्ने की बुआई को लेकर किसान काफी परेशान है। खेतों में फसल पककर तैयार है लेकिन मजदूर न मिलने से परेशानी हो रही है। ऐसा ही हाल गन्ने की बुआई का है। खेत खाली न होने के कारण गन्ने की फसल की बुआई भी देरी से होगी।
बुलंदशहर, जेएनएन। लॉकडाउन का बड़ा असर इस बार खेती-किसानी पर पड़ रहा है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला जिला होने के कारण यहां इस बार गेहूं की कटाई और गन्ने की बुआई को लेकर किसान काफी परेशान है। खेतों में फसल पककर तैयार है, लेकिन मजदूर न मिलने से परेशानी हो रही है। ऐसा ही हाल गन्ने की बुआई का है। खेत खाली न होने के कारण गन्ने की फसल की बुआई भी देरी से होगी।
कोरोना महामारी का सामना करने के लिए सरकार ने लॉकडाउन कराया हुआ है। जिले में आठ संक्रमित मरीज सामने आने के कारण अधिक सतर्कता और सख्ती बरती जा रही है। शहर से लेकर गांव-देहात तक लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है। उधर, जिले में तीन लाख हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है। लेकिन मजदूर न मिलने के कारण अभी फसल की कटाई शुरू होने में परेशानी हो रही है। किसान अपने स्तर से फसल की कटाई में जुटे हुए हैं। ऐसा ही हाल गन्ने की बुआई को लेकर है। नई फसल की बुआई करने के लिए किसान खेतों के खाली होने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी खेत खाली नहीं हुए हैं, जिस कारण फसल की बुआई भी देरी से होगी।
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उत्पादन होगा प्रभावित
इस बार प्राकृतिक आपदा के कारण पहले ही फसल को काफी नुकसान पहुंचा था, अब लॉकडाउन के कारण फसल की देरी से कटाई होने से भी उत्पादन पर असर पड़ेगा। क्योंकि पककर तैयार फसल के खेतों में भी गिरने की आशंका है। ऐसे ही गन्ने की फसल की बुआई देरी से होने के कारण उसकी ग्रोथ भी प्रभावित होगी और बड़ा असर उत्पादन पर पडे़गा।
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लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों में रहने और शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया है। गांवों में लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। साथ ही खेती का काम भी सर्तकता के साथ जारी है।
- रविद्र कुमार, जिलाधिकारी