बूंदाबांदी से प्रदूषण घटा, अब भी रेड जोन में जिला
जिले की आबोहवा में हल्की बूंदाबांदी से थोड़ा सुधार जरूर हुआ है लेकिन बुलंदशहर अब भी रेड जोन में दर्ज है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में एयर क्वालिटी इंडेक्स 330 दर्ज किया गया है। हालांकि यह बुधवार के मुकाबले 72 अंक गिरा है मगर सेहत के लिए अब भी ठीक नहीं है।
जेएनएन, बुलंदशहर। जिले की आबोहवा में हल्की बूंदाबांदी से थोड़ा सुधार जरूर हुआ है, लेकिन बुलंदशहर अब भी रेड जोन में दर्ज है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में एयर क्वालिटी इंडेक्स 330 दर्ज किया गया है। हालांकि यह बुधवार के मुकाबले 72 अंक गिरा है, मगर सेहत के लिए अब भी ठीक नहीं है।
पिछले करीब दो महीने से जनपद प्रदूषण की गिरफ्त में है। हालांकि इस दौरान एक्यूआइ में कुछ गिरावट तो हुई, लेकिन प्रदूषण का स्तर 300 के पार बना रहा। बीते चार दिनों से गंभीर जोन में पहुंच गया था, मगर गुरुवार को सुबह के समय करीब 15 मिनट तक हुई बूंदाबांदी से प्रदूषण में कुछ सुधार हुआ है। प्रदूषण बढ़ा होने के कारण सांस के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी भी रोज जल रहा है कूड़ा
एनजीटी के आदेश के तहत खुले में कूड़ा जलाने पर रोक है। खुले में कूड़ा जलाने वालों पर जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। इसकी निगरानी करने की जिम्मेदारी अन्य विभागों के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी है, लेकिन रोजाना खुर्जा हाइवे पर कूड़ा जलाया जाता है। लोगों की लापरवाही के चलते प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है। लोग जागरूक हों तो घटे प्रदूषण
पर्यावरणविदों का कहना है कि प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। विभागों के साथ यदि सभी अपनी नैतिक जिम्मेदारियों पर ध्यान दें तो प्रदूषण का स्तर निश्चित कम हो जाएगा। इसके लिए खुले में कूड़ा जलाने, खेतों में फसल अवशेषों को जलाने आदि पर ध्यान देना होगा। इन्होंने कहा..
बूंदाबांदी के कारण वायुमंडल साफ हुआ है। धूल के सूक्ष्म कण घटे हैं। इसकी वजह से प्रदूषण कम हुआ है। विभाग की ओर से भी प्रदूषण कम करने की कवायद जारी है। लगातार कार्रवाई भी कर रहे हैं।
- आशुतोष चौहान, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड