अस्पतालों के बाहर लगेंगे आयुष्मान में 'ओपीडी फ्री' नहीं के बोर्ड
आयुष्मान योजना के पैनल पर आए निजी अस्पतालों में फ्री ओपीडी के लिए मरीजों की आए दिन डाक्टरों से चिकचिक होती है। निजी अस्पतालों के डाक्टर इससे परेशान हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। आयुष्मान योजना के पैनल पर आए निजी अस्पतालों में फ्री ओपीडी के लिए मरीजों की आए दिन डाक्टरों से चिकचिक होती है। निजी अस्पतालों के डाक्टर इससे परेशान हैं। मरीज भी फ्री ओपीडी सुविधा के लिए सीएमओ से लेकर लखनऊ तक शिकायत करते हैं। अब योजना के पात्रों को जागरूक करने के लिए अस्पताल के बाहर बोर्ड लगेंगे, कि आयुष्मान से ओपीडी फ्री नहीं है।
शहर के पांच निजी अस्पताल आयुष्मान के पैनल पर हैं। इन अस्पतालों में कोई बुखार तो कोई खांसी होने पर इलाज के लिए पहुंचता है। पैनल वाले निजी अस्पताल की ओपीडी में जाकर मरीज जिद करता है कि उसके पास आयुष्मान योजना का कार्ड है। इसलिए वह ओपीडी की फीस नहीं देगा। डाक्टर इलाज से मना करता है तो मरीज झगड़ने को तैयार हो जाता है। इसके बाद कई मरीज तो आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत कर देते हैं। जबकि कई डीएम और सीएमओ को फोन पर शिकायत करते हैं। हर रोज दो-चार शिकायतें सीएमओ डा. केएन तिवारी के पास भी आ रही हैं। आइजीआरएस पोर्टल पर होने वाली शिकायतों का स्वास्थ्य अधिकारियों को जवाब देना पड़ता है। ये अस्पताल पैनल पर
निजी अस्पतालों में शहर के ओजस आई केयर, अमेयस हास्पिटल, शांतिदीप हास्पिटल, राणा हास्पिटल और ग्लोबल हास्पिटल हैं। जबकि सरकारी में सीएचसी सिकंदराबाद, सीएचसी खुर्जा, महिला अस्पताल खुर्जा, जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल शामिल हैं। अस्पताल के बाहर लगेंगे बोर्ड
निजी अस्पताल के बाहर एक बड़ा बोर्ड लगया जाएगा, बोर्ड पर हिन्दी में मोटे अक्षरों से लिखा जाएगा, कि आयुष्मान योजना में ओपीडी फ्री नहीं है। ओपीडी की फीस अस्पताल में ली जाएगी। इन्होंने कहा..
आयुष्मान योजना से अब तक जिलेभर के निजी और सरकारी अस्पताल में 2652 मरीजों को इलाज मिल चुका है। प्रदेश में आयुष्मान की ग्रेडिग में इस समय बुलंदशहर जिला पांचवें स्थान पर है। मरीजों को कोई कंफ्यूजन न हो इसलिए अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों बड़े-बड़े बोर्ड आयुष्मान योजना में ओपीडी फ्री नहीं है। इसके लिए शुल्क देना होगा।
-डा. केएन तिवारी, सीएमओ