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एक माह, 33 गिरफ्तार, फिर भी इंस्पेक्टर की हत्या अनसुलझी

स्याना बवाल को तीन जनवरी को पूरा एक माह हो चुका है। बवाल के आरोपित योगेश राज समेत 33 व गोकशी के नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है लेकिन पुलिस व एसआइटी अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर सकी है

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 10:35 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 10:35 PM (IST)
एक माह, 33 गिरफ्तार, फिर भी इंस्पेक्टर की हत्या अनसुलझी
एक माह, 33 गिरफ्तार, फिर भी इंस्पेक्टर की हत्या अनसुलझी

जासं, बुलंदशहर : स्याना बवाल को तीन जनवरी को पूरा एक माह हो चुका है। बवाल के आरोपित योगेश राज समेत 33 व गोकशी के नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है लेकिन पुलिस व एसआइटी अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर सकी है कि आखिर इंस्पेक्टर की हत्या किसने की। हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि प्रशांत नट व उसके साथियों ने इंस्पेक्टर की हत्या की थी, लेकिन पुलिस व एसआइटी अभी तक न तो कोतवाल की लूटी गई लाइसेंसी पिस्टल बरामद कर सकी है और न ही मोबाइल।

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तीन दिसंबर को स्याना के महाव गांव के जंगल में गोवंशों के अवशेष मिलने के विरोध में ¨चगरावठी पुलिस चौकी के पास खूनी बवाल हो गया था, जिसमें स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ¨सह शहीद हो गए थे और गोली लगने से ¨चगरावठी गांव निवासी सुमित की मौत हो गई। एसएसपी, एसपी देहात व एसपी सिटी को हटा दिया गया था। जिले की कमान संभालने वाले अधिकारियों ने एक माह के भीतर कई नामजद समेत प्रकाश में आए 33 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी, जॉनी, राहुल, लोकेंद्र, डेविड, प्रशांत नट व योगेश राज प्रमुख हैं।

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जीतू फौजी के गिरफ्तारी के बाद एसआइटी पर उठे थे सवाल

हालांकि एसआइटी के किसी भी अधिकारी ने यह पुष्टि नहीं की थी कि कोतवाल सुबोध कुमार ¨सह की हत्या में 22 राष्ट्रीय राइफल सोपोर (जम्मू कश्मीर) में तैनात महाव गांव निवासी जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी का हाथ था, लेकिन अचानक जीतू फौजी को आरोपित बना दिया गया। सेना ने अपनी मौजदूगी में जीतू फौजी को मेरठ में एसटीएफ को नौ दिसंबर को सुपुर्द किया था। एसटीएफ से लेकर एसआइटी ने जीतू से कई चरणों में पूछताछ की और कुछ न निकलने पर उसे भीड़ का हिस्सा मानते हुए जेल भेज दिया। अभी वह जेल में है।

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एक माह में कई बार बदली थ्यौरी

इंस्पेक्टर की हत्या को लेकर एसआइटी व पुलिस की कई बार थ्यौरी बदली। पहले जीतू फौजी को इंस्पेक्टर की हत्या का आरोपित मानने वाली एसआइटी ने जॉनी, राहुल आदि पर हत्या का संदेह जताया, लेकिन पूछताछ में जब दोनों से कुछ नहीं निकला तो दोनों को जेल भेज दिया। बाद में पुलिस डेविड, प्रशांत नट व कलुआ को इंस्पेक्टर की हत्या में आरोपित मानने लगी और दोनों को जेल भेजा लेकिन एसआइटी व पुलिस अभी तक इंस्पेक्टर की लूटी गई लाइसेंसी पिस्टल व मोबाइल बरामद नहीं कर सकी है।

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तीन दिसंबर से तीन जनवरी तक का घटनाक्रम

तीन दिसंबर को गोकशी के विरोध में बवाल हुआ। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार शहीद हुए। सुमित की गोली लगने से मौत हो गई। एसआइ सुभाष चंद्र की तहरीर पर स्याना कोतवाली में मुख्य आरोपित योगेश राज सहित 27 नामजद आरोपितों व 60 अज्ञात आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ।

- चार दिसंबर को सांसद डा. भोला ¨सह, क्षेत्रीय विधायक देवेंद्र लोधी व भारी पुलिस बल की मौजूदगी में ग्राम ¨चगरावठी निवासी सुमित के शव को देर शाम गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया।

- पांच दिसंबर से पुलिस, एसटीएफ व क्राइम ब्रांच की दर्जनों टीम आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने में जुट गई।

- सात दिसंबर को एडीजी, इंटेलीजेंस की रिपोर्ट के बाद सीओ स्याना व चौकी प्रभारी का तबादला कर दिया गया।

- आठ दिसंबर को एसएसपी केबी ¨सह को हटाकर जिले की जिम्मेदारी प्रभाकर चौधरी को दी गई।

- नौ दिसंबर को नामजद आरोपित जितेंद्र उर्फ जीतू फौजी को कश्मीर लेने गई पुलिस को सेना के अधिकारियों ने मेरठ एसटीएफ कार्यालय में सौंपा।

- 11 दिसंबर को एसपी सिटी डा. प्रवीन रंजन ¨सह को हटा दिया गया।

- 13 दिसंबर को बवाल के फरार नामजद आरोपितों के घर पर पुलिस ने कुर्की का नोटिस चस्पा किया।

- 21 दिसंबर को ¨हसा के आरोपित नितिन को पुलिस ने रिमांड पर लेकर कपड़े बरामद किए।

- 22 दिसंबर को पुलिस ने बावल के दो आरोपितों डेबिड और राहुल को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

- 27 दिसंबर को पुलिस ने प्रशांत नट को गिरफ्तार किया।

- 28 दिसंबर को इंस्पेक्टर की हत्या के चश्मदीद को पुलिस ने मीडिया के सामने किया पेश।

- 29 दिसंबर को ¨चगरावठी में सुमित के परिजनों ने विधायक को घंटो बंधक बनाया। पुलिस ने गोकशी के मुख्य आरोपित हारून को धर दबोचा।

- 31 दिसंबर को कुल्हाड़ी से वार करने के आरोपित कलुआ को गिरफ्तार कर कुल्हाड़ी बरामद की गई।

- तीन जनवरी को बवाल का मुख्य आरोपित योगेश राज गिरफ्तार।


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