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अफसर नहीं दे रहे ध्यान खतरे में कामगारों की जान

सीवर लाइन निर्माण करने वाली संस्था जल निगम कामगारों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से कामगारों की जान खतरे में है। कामगारों के पास खोदाई करते समय हेलमेट तक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 06:01 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 06:01 PM (IST)
अफसर नहीं दे रहे ध्यान खतरे में कामगारों की जान

बुलदंशहर, जेएनएन। सीवर लाइन निर्माण करने वाली संस्था जल निगम कामगारों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से कामगारों की जान खतरे में है। कामगारों के पास खोदाई करते समय हेलमेट तक नहीं है। जल निगम दफ्तर के पास नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

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शहर में अमृत योजना से बनाई जा रही सीवर लाइन निर्माण का कार्य दो कंपनी कर रही हैं। इसमें एक कंपनी पर अधिकारी सख्ती बरत रहे हैं। जबकि गुजरात की दूसरी कंपनी पर मेहरबान हैं। नियमानुसार गड्ढे में सीवर लाइन का निर्माण करते समय कामगारों के पास हेलमेट होना चाहिए। साथ ही सीवर लाइन डालते समय गड्ढे में शोरिग बॉक्स भी होना चाहिए, लेकिन इस कंपनी के कर्मचारी बिना शोरिग बॉक्स और हेलमेट के काम कर रहे हैं। मानसरोवर कालोनी में जलनिगम के दफ्तर के पास ही कामगारों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। कामगारों का कहना है कि शिकायत के बाद भी कोई सुनने को तैयार नहीं है। वहीं, सभासद सुनील शर्मा उर्फ टीटू और सभासद ऋषिपाल सिंह ने बताया कि कंपनी की साइटों पर दो बार दुर्घटना भी हो चुकी है। जिसमें दो मजदूरों की मौत भी हो चुकी है। फिर भी कंपनी लापरवाह बनी हुई है। उधर, पालिका ईओ निहाल चंद का कहना है कि इसको देखना जलनिगम की जिम्मेदारी है, लेकिन जलनिगम के अधिकारी किसी नोटिस का जवाब नहीं देते हैं। इन्होंने कहा--

सब जलनिगम पर ही ध्यान देते हैं। कंपनी के अधिकारियों से बात करेंगे और नियमों का पालन कराया जाएगा।

-एसके शर्मा, एक्सईएन, जल निगम


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