अब योगेश राज के मददगारों पर एसआइटी का शिकंजा
योगेश राज पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है, लेकिन एसआइटी का अभी काम खत्म नहीं हुआ है।
जासं, बुलंदशहर : योगेश राज पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है, लेकिन एसआइटी का अभी काम खत्म नहीं हुआ है। योगेश राज की गिरफ्तारी के बाद एसआइटी ने अब उसके मददगारों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। एसआइटी अब इस बात की जांच कर रही है कि फरारी के दौरान योगेश राज कहां-कहां रहा और किस-किस ने उसकी मदद की। इस संबंध में पुलिस व एसआइटी खुफिया विभाग से इनपुट ले रही है, ताकि पनाह देने वालों पर प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
एसआइटी व पुलिस योगेश राज को बवाल भड़काने का मुख्य आरोपित मान कर चल रही थी, क्योंकि एसआइटी के पास बवाल की जो वीडियो हैं, उसमें योगेश राज भीड़ को उकसाता हुआ नजर आ रहा है। बवाल के बाद से ही एसआइटी व पुलिस योगेश राज को लगातार तलाश कर रही थी और योगेश राज अपने मददगारों की मदद से सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रख रहा था, जिसे एसआइटी ने अपनी विवेचना में शामिल कर लिया है। अब योगेश राज की गिरफ्तारी के बाद एसआइटी व पुलिस योगेश राज के मददगारों का कनेक्शन तलाश रही है कि फरारी के दौरान किन-किन लोगों ने योगेश राज की मदद की थी और उसने किसके पास पनाह ली थी। हालांकि अभी अधिकारी इस संबंध में खुल कर नहीं बोल रहे हैं पर सूत्रों का कहना है कि फरारी के दौरान योगेश राज की किन लोगों ने मदद की थी और वह कहां-कहां जाकर छिपा था इसकी जानकारी योगेश राज ने एसआइटी व पुलिस अधिकारियों को दे दी है। सूत्रों की मानें तो फरारी के दौरान योगेश राज की मदद करने वाले कुछ स्थानीय व कुछ दूसरे जिलों के पदाधिकारी व रिश्तेदार हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में रहा
तीन दिसंबर को हुए बवाल के बाद योगेश राज ने कई जिलों में पनाह ली। योगेश राज के करीबियों की मानें तो बवाल के बाद ही योगेश राज घर से फरार होकर बुलंदशहर आ गया था। यहां किसी मित्र के पास रुकने के बाद अगले दिन योगेश राज मेरठ पहुंचा और संगठन के एक पदाधिकारी के यहां चार-पांच दिन रुकने के बाद नोएडा, खुर्जा, गाजियाबाद, लखनऊ आदि में संगठन के पदाधिकारियों व रिश्तेदारों के यहां रुका। गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले योगेश राज खुर्जा में था और खुर्जा से ही कहीं जाने की तैयारी कर रहा था। आज-कल में शिखर भी
हो सकता है हाजिर
योगेश राज के बाद शिखर अग्रवाल एसआइटी व पुलिस के रडार पर है। योगेश राज तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया लेकिन एक और आरोपित शिखर अभी फरार है। माना जा रहा कि शिखर अग्रवाल भी जल्द ही पुलिस के हत्थे चढ़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि शिखर अग्रवाल को हाजिर कराने के लिए संगठन के कई पदाधिकारी भी पुलिस अधिकारियों के संपर्क में हैं।
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इंस्पेक्टर की पिस्टल का सुराग नहीं
पुलिस आरोपितों को तो गिरफ्तार कर रही है लेकिन अभी तक लूटी गई कोतवाल की पिस्टल व मोबाइल बरामद नहीं कर सकी है। पुलिस इंस्पेक्टर पर कुल्हाड़ी से हमला करने के आरोपित कलुआ को गिरफ्तार कर कुल्हाड़ी बरामद कर चुकी है लेकिन अभी तक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की लूटी गई पिस्टल बरामद नहीं कर सकी है।