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अविश्वास प्रस्ताव पास, कुर्सी नहीं बचा सके मनीष

ब्लॉक प्रमुख मनीष भाटी एक वर्ष बाद ही तमाम प्रयास के बावजूद अपनी कुर्सी नहीं बचा सके। उनके विरोध में लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। अविश्वास के पक्ष में 92 मत पड़े। जबकि उनके पक्ष में मात्र दो ही मत पड़े।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 11:54 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 06:22 AM (IST)
अविश्वास प्रस्ताव पास, कुर्सी नहीं बचा सके मनीष
अविश्वास प्रस्ताव पास, कुर्सी नहीं बचा सके मनीष

बुलंदशहर, जेएनएन। ब्लॉक प्रमुख मनीष भाटी एक वर्ष बाद ही तमाम प्रयास के बावजूद अपनी कुर्सी नहीं बचा सके। उनके विरोध में लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। अविश्वास के पक्ष में 92 मत पड़े। जबकि उनके पक्ष में मात्र दो ही मत पड़े।

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गुरुवार को सिकंदराबाद ब्लाक में प्रमुख मनीष भाटी के खिलाफ पूर्व ब्लाक प्रमुख पुष्पेन्द्र भाटी द्वारा लाए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर डीएम के आदेश पर बीडीसी सदस्यों की बैठक बुलाई गई। एसडीएम रविशंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीडीसी सदस्यों व ब्लॉक प्रमुख के बीच आपसी सामांज्य स्थापित नहीं हो सका। जिसके बाद मतदान हुआ। एसडीएम ने बताया कि ब्लाक में कुल 143 बीडीसी सदस्य है। जिसमें एक की मौत हो गई। कुल 95 बीडीसी सदस्य बैठक में पहुंचे और मतदान हुआ ब्लाक प्रमुख मनीष भाटी के पक्ष में मात्र दो मत पड़े, जबकि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 92 मत पड़े। जिस पर प्रमुख के विरोध में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव हो गया। जिला मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पास होने की लिखित सूचना भेज ब्लॉक परिसर में चस्पा की गई है।

कोर्ट के स्टे को लेकर रही गहमा-गहमी

ब्लाक प्रमुख मनीष भाटी 34 से अधिक बीडीसी सदस्यों पर बैठक में भाग न लेने का उनकी सदस्य रद्द करने के लिए हाई कोर्ट चले गए थे। गुरुवार को हाईकोर्ट के आदेशों का शपथ देकर मनीष भाटी अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया रुकवाने के लिए पक्ष रखा, जिसको लेकर गहमागहमी का माहौल रहा। लेकिन कोर्ट के आदेशों की प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं कर सके।

ऐसे चली प्रक्रिया

20 अप्रैल वर्ष 2019 मनीष भाटी ने तत्कालीन ब्लाक प्रमुख पुष्पेन्द्र भाटी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें हटा दिया और मतदान के बाद एक वोट से जीत हासिल कर भाजपा प्रत्याशी के रूप में ब्लाक प्रमुख पद पर कब्जा किया था। अब मनीष भाटी के खिलाफ 10 अक्तूबर को पुष्पेन्द्र गुट ने 96 सदस्यों ने डीएम को शपथ पत्र देकर गंभीर आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव का पत्र सौंपा था।

छावनी में तब्दील रहा क्षेत्र

ब्लॉक परिसर के आसपास, दनकौर तिराहा, गुलावठी रोड नहीं बल्कि दोनों गुटों के औद्योगिक क्षेत्र गांव शेरपुर के साथ आसपास भारी पुलिस पर तैनात किया गया। सुरक्षा को लेकर 19 थानाध्यक्ष, 35 सब इंस्पेक्टर, 80 सिपाही तैनात रहे। इन्होंने कहा..

मनीष भाटी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 92 मतों से पास हुआ। उनके द्वारा केवल कोर्ट में दायर वाद के संबंध में शपथ दिया गया था, लेकिन कोर्ट के आदेश की कोई प्रतिलिपि नहीं दी गई। जिलाधिकारी के आदेश पर परिणाम घोषित किया गया है।

-- रविशंकर सिंह, एसडीएम

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ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास पास होना, इसका परिचायक है, कि वह अपने विश्वास खो चुके है। उनकी कार्यप्रणाली, भ्रष्टाचारी को लेकर बीडीसी सदस्यों ने मतदान कर उनके पद मुक्त किया है।

- पुष्पेंद्र भाटी, पूर्व ब्लाक प्रमुख जो भी आरोप है वे बेबुनियाद है। हाई कोर्ट के स्टे की सूचना पर सुबह साढे दस बजे तक जिलाधिकारी महोदय को उपलब्ध कराई थी। कोर्ट के अग्रिम आदेश को प्रशासन को उपलब्ध करा दिया जाएगा।

- मनीष भाटी, पूर्व प्रमुख


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