नौ प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला आज
लोकसभा चुनाव के परिणाम की घड़िया समाप्त हो चुकी हैं अब लोस क्षेत्रवासियों को विजेता के नाम की घोषणा का इंतजार है। बुधवार को जहां प्रशासनिक अलमा मतगणना की तैयारियों में दौड़-भाग करता रहा वहीं आमजन जीत को लेकर गुणा-भाग में जुटी रही।
बुलंदशहर: लोकसभा चुनाव के परिणाम की घड़ियां समाप्त हो चुकी हैं। गुरुवार को मतगणना के बाद क्षेत्रवासियों को विजेता के नाम की घोषणा का इंतजार है। बुधवार को जहां प्रशासनिक अमला मतगणना की तैयारियों में दौड़-भाग करता रहा, वहीं आमजन जीत को लेकर गुणा-भाग में जुटी रही। राजनीतिक दल भी मतगणना से पहले एजेंटों की तैनाती और मतगणना के दौरान चौकसी को लेकर मंथन में जुटे रहे।
बुलंदशहर लोकसभा सीट पर मतदान के द्वितीय चरण में 18 अप्रैल को चुनाव संपन्न हुआ था। जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों के कुल 17 लाख से अधिक मतदाताओं में से 11 लाख से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस बार लोस क्षेत्र में 62.74 फीसद मतदान हुआ। चुनावी रणक्षेत्र में उतरे महारथियों की बात करें तो भाजपा ने एक बार फिर वर्तमान सांसद डा. भोला सिंह पर दांव लगाया। भोला सिंह वर्ष 2014 में हुए लोस चुनाव में प्रदेश में दूसरे नंबर की बड़ी जीत चार लाख से अधिक मत प्राप्त कर इस सीट पर हासिल कर चुके हैं। उधर, गठबंधन से बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा पर दांव लगाया। योगेश हस्तिनापुर से पूर्व विधायक रह चुके हैं और इसके अलावा अन्य कई चर्चित मामलों को लेकर भी चर्चाओं में रहे हैं। कांग्रेस ने खुर्जा से पूर्व विधायक रहे बंशी सिंह को मैदान में उतारा है। बंशी इससे पहले पूर्व में भी चार बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। मतगणना को लेकर दिनभर चला मंथन
शांतिपूर्ण तरीके से मतगणना कराने को लेकर जहां अधिकारी दिनभर अधूरी तैयारियों को पूर्ण कराते रहे, वहीं चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी भी एजेंटों को मतगणना के दौरान सतर्कता बरतने का सबक देते रहे। इस दौरान पूर्व में कई बार एजेंट की भूमिका निभा चुके वरिष्ठ पार्टी नेताओं को बुलाया गया और नवयुवा एजेंटों को मतगणना के दौरान आंखे तेज रखने के तरीके समझाएं गए। उधर, मुख्य दलों के तीनों प्रत्याशी भी बुलंदशहर पहुंच चुके हैं और मतगणना को लेकर अपने पार्टी पदाधिकारियों के साथ मंथन में जुटे रहे। दिनभर चली चर्चा, कौन होगा छुपा रुस्तम
गुरुवार को होने वाली मतगणना को लेकर आमजन से लेकर सरकारी कार्यालयों में भी खूब चर्चाएं हुई। लोग अपने हिसाब से प्रत्याशियों को जीताते और हराते नजर आए। लोगों की चर्चाओं के अनुसार मुख्य मुकाबला भाजपा और गठबंधन के बीच रहा। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 'चमत्कार' करने वाला माना गया। लोगों ने लोस सीट के चुनाव परिणाम को लेकर जातीय समीकरण के साथ मतदाताओं के मन के मिजाज को लेकर भी गुणा-गणित लगाया।
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सक्रिय हुए सट्टेबाज
लोस चुनाव के बाद सोशल मीडिया और विभिन्न माध्यमों द्वारा परिणाम को लेकर जारी एग्जिट पोल के हार-जीत को लेकर सट्टा बाजार भी गर्म हो गया है। स्थानीय स्तर पर प्रत्याशी की जीत, मिले वाले मत, हार-जीत के अंतर आदि के साथ विभिन्न प्रत्याशियों को मिलने वाले मतों को लेकर भी लोग बड़ी रकम के साथ शर्त लगा रहे हैं।