अपने अंदाज में बड़ा संदेश दे गई मायावती
जनसभा में दलित समाज के लोग आए थे और पूरे उत्साह में थे। लेकिन लोगों को हैरानी थी कि जनसभा में जाट और मुस्लिम समाज के लोगों की संख्या कम रही।
बुलंदशहर : मौसमगढ़ की रैली में बसपा प्रमुख मायावती ने इशारों-इशारों में छिपा हुआ संदेश अपने समर्थकों को दिया। उन्होंने देश-प्रदेश के तमाम मुद्दों की बात की और दलित-मुस्लिम गठजोड़ पर फोकस रखा। रैली में आई भीड़ ने भी उनकी हर बात पर तालियां बजाकर जोरदार समर्थन दिया। उन्होंने मतदान के लिए पहले लाइन में लगने और जाति तक छिपाने की बात समर्थकों से कही। इसके अलावा मेरठ के प्रत्याशी को यहां से चुनाव लड़ाने की वजह भी साफ की।
शनिवार दोपहर मौसमगढ़ का मौसम पूरी तरह चुनावी था। बसपा सुप्रीमो की रैली होने के कारण लोगों का जोश देखने लायक था। उधर, जनसभा में आने वाली भीड़ पर विपक्षी दलों की भी नजर बनी हुई थी। दोपहर एक बजे मायावती का आगमन होते ही लोगों ने उनका जोरदार नारे लगाकर स्वागत किया। उधर, बसपा सुप्रीमो ने भी अपने भाषण में हर वो बात कही, जिसकी लोगों को उम्मीद थी। हालांकि उन्होंने काफी कुछ इशारों में ही कहा। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव में हमारे एक एजेंट से अभद्रता की गई, लेकिन एजेंट ने उलझने की बजाय पार्टी हाईकमान से शिकायत की। उन्होंने कहा कि हमने अपने कार्यकर्ताओं को ऐसे ही निर्देश दिए हुए हैं। ऐसे ही आप को भी करना है, किसी से लड़ना नहीं है और न ही किसी को अपनी जाति बतानी है। सुबह मतदान के लिए लाइन में सबसे आगे लगना है, बाकी लोग आपके पीछे रहने चाहिए। अपने संबोधन के दौरान उनका पूरा ध्यान दलित-मुस्लिम गठजोड़ पर रहा। उन्होंने कई बार इसका जिक्र किया।
उधर, योगेश वर्मा को बुलंदशहर से चुनाव लड़ाने के संबंध में कहा कि भाजपा ने उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज किए और जेल भेजा। जेल में कई बार उन पर दबाव बनाया और भाजपा में शामिल होने का प्रलोभन दिया, लेकिन योगेश ने इन्कार कर दिया। इसी कारण से उनको बुलंदशहर लोस सीट पर उतारा है।