पॉटरी उद्योग की छवि पर दाग लगा रहीं टूटी सड़कें
खुर्जा: देश-विदेश में पहचान रखने वाले पॉटरी उद्योग की समस्याओं को लगातार दरकिनार किया जा
खुर्जा: देश-विदेश में पहचान रखने वाले पॉटरी उद्योग की समस्याओं को लगातार दरकिनार किया जा रहा है। पिछले कई वर्षो से पॉटरी सेंटर एरिया की सड़कें जर्जर हालत में हैं। जिसकी शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है और समस्या जस की तस बनी हुई है।
खुर्जा में जीटी रोड पर सेंट्रल ग्लास एंड सिरेमिक रिचर्स इंस्टीट्यूट (सीजीसीआरआइ) भी स्थित है। जिसके पीछे की तरफ पॉटरी सेंटर एरिया है। जिसमें दर्जनों छोटी और बड़ी पॉटरी इकाइयां हैं। सीजीसीआरआइ के दोनों तरफ से पॉटरी सेंटर एरिया के लिए सड़कें जा रही हैं, लेकिन वह दोनों सड़क पिछले कई वर्षो से जर्जर हालत में हैं। ऐसे में वहां से आने में पॉटरी कारोबारियों समेत देशभर से आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह हाल तब है जबकि पॉटरी सेंटर एरिया में ही खुर्जा पॉटरी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन का कार्यालय भी स्थित है। जिसमें समय-समय पर नेताओं से लेकर प्रशासनिक अधिकारी आते रहते हैं, लेकिन कारोबारियों की शिकायतों के बाद भी उनका इस तरफ कोई ध्यान नहीं जाता है। जिससे यह समस्या जस की तस बनी हुई है और देशभर के अलावा विदेशों से आने वाले लोगों के सामने यह सड़कें उद्योग की छवि पर दाग लगा रही है। इतना ही नहीं सीजीसीआरआइ में आने वाले देशभर के कालेजों के छात्र-छात्राएं भी इन सड़कों को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
एक जिला एक उत्पाद में जागी थी उम्मीद
जब उत्तर-प्रदेश सरकार ने एक जिला एक उत्पाद योजना में खुर्जा के पॉटरी उद्योग भी शामिल किया था, तो कारोबारियों की उम्मीद जाग गई थी। उन्हें लगा था कि आने वाले समय में पॉटरी सेंटर एरिया की जर्जर सड़कों की सूरत बदलेगी, लेकिन आज भी सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं।
ये बोले पॉटरी कारोबारी
कई बार जिला स्तरीय अधिकारियों से लेकर प्रदेश तक शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। पिछले काफी समय से पॉटरी सेंटर एरिया की सड़कें जर्जर हालत में हैं।
-संजय गुप्ता, अध्यक्ष, केपीएमए। बीते दिनों खुर्जा पॉटरी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के सभागार में खुर्जा और अयोध्या विधायक से सड़कों के विषय में शिकायत की गई। जिस पर उन्होंने जिला उद्योग अधिकारियों को निर्देशित किया, लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई है।
-राजेश अरोरा, सचिव, केपीएमए।