फिलहाल मिल रहा काम, आगे बजट पर होगा निर्भर
सरकार गैर प्रांत व जनपदों से वापस गृह जनपद लौटे प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा को कारगर हथियार मान कर चल रही हैं। जिसके लिए सरकार ने मनरेगा के लिए जनपद को साढ़े आठ करोड़ रुपये की जारी किए हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। सरकार गैर प्रांत व जनपदों से वापस गृह जनपद लौटे प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा को कारगर हथियार मान कर चल रही हैं। जिसके लिए सरकार ने मनरेगा के लिए जनपद को साढ़े आठ करोड़ रुपये की जारी किए हैं। हालांकि जिले में मनरेगा मजदूरों की संख्या को देखते हुए बजट नाकाफी लग रहा है। क्योंकि पहले ही जिले में मजदूरों की संख्या एक लाख के पार है और सीमित बजट होने से लगातार रोजगार देना संभव नहीं होगा।
प्रवासी कामगार को रोजगार के साधन मुहैया कराना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार ऋण उपलब्ध कराकर स्वरोजगार को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में जुटी हुई हैं। साथ ही प्रवासी कामगारों को मनरेगा में काम देने के प्लान पर भी काम शुरू कर दिया गया है। जनपद की तमाम ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत काम भी शुरू कर दिया गया है। लेकिन बजट और मजदूरों की संख्या को देखते हुए अधिक दिनों तक रोजगार उपलब्ध कराना मुमकिन नजर नहीं आ रहा है। उधर कोरोना काल के कारण लागू लॉकडाउन में ग्राम पंचायतों में हुए कार्य के बदले मनरेगा के 16,955 कामगारों के खातों में भेजी 58.96 लाख रुपये धनराशि भेजी जा चुकी है। फिलहाल प्रति मजदूर दिहाड़ी के रूप में 201 रुपये का भुगतान किया जा रहा है।
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5,500 नए कामगारों बनाए जॉबकार्ड
कोराना काल के कारण हुए लॉकडाउन में बड़ी संख्या में लोग अपने काम-धंधों को छोड़कर पैतृक जिले में पहुंचे हैं। बुलंदशहर में भी 25 हजार से अधिक लोग आ चुके हैं और अभी भी आना जारी है। उधर, जिले में गैर प्रांत और जनपदों से अब तक आए 11,900 प्रवासी कामगार में से 5500 के जॉब कार्ड मनरेगा योजना के तहत बनाए जा चुके हैं। प्रवासी मजदूरों से कार्य भी कराया जा रहा है।
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मनरेगा एक नजर में
1,08,976 - जिले में कुल पंजीकृत मजदूर
31,400 - जॉब कार्ड हैं सक्रिय
11,900 - प्रवासी कामगार आए बाहर से
43,300 - कामगारों की अब संक्रिय संख्या
58.96 लाख - रुपये खातों में भेजे
8.50 करोड़ - बजट हुआ स्वीकृत
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इन्होंने कहा..
मनरेगा में प्रवासी कामगारों को काम दिया जा रहा है। मनरेगा योजना के तहत 8.50 करोड़ रुपये का बजट मिल गया है। बाहर से आए प्रभावी 5,500 कामगारों के जॉब कार्ड बना कर रोजगार दिया जा रहा है। मनरेगा में काम बढ़ने पर बजट से अतिरिक्त 2.10 करोड़ रुपये और खर्च किए जा सकते हैं।