गांव वालों के हर काम के लिए हाजिर है महेश
जहां पूरा देश कोरोना संक्रमण की दहशत झेल रहा है वहीं कुछ लोग ऐसे है जिन्होंने इस बीमारी की दहशत को दिल से निकालकर सामाजिक सेवा का सरोकार अपनाया है और गांव वालों के लिए भी प्रेरणा पुंज बन रहे हैं। ऐसा ही एक नाम नगर के महेश कुमार का हैं जो इस महामारी में गांव वालों की उम्मीद का तारा बना है।
बुलंदशहर, जेएनएन। जहां पूरा देश कोरोना संक्रमण की दहशत झेल रहा है, वहीं कुछ लोग ऐसे है जिन्होंने इस बीमारी की दहशत को दिल से निकालकर सामाजिक सेवा का सरोकार अपनाया है और गांव वालों के लिए भी प्रेरणा पुंज बन रहे हैं। ऐसा ही एक नाम नगर के महेश कुमार का हैं, जो इस महामारी में गांव वालों की उम्मीद का तारा बना है। खुद की माली हालत ठीक न होने के बाद भी हर दिन गांव वालों की जरूरत का सामान प्रशासन की मदद से अपने टेंपों में भरकर सप्लाई करना लॉकडाउन में दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है।
दानपुर निवासी महेश कुमार लॉकडाउन लगने से पहले टेंपों चलाकर अपने परिवार का पालन करते थे। लेकिन महामारी का खतरनाक दौर शुरू हुआ तो लॉकडाउन ने टेंपों पर ब्रेक लगा दिए। उधर, लॉकडाउन के दौरान लोग अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए पड़ोसी कस्बों की ओर दौड़ने लगे, जिससे शारीरिक दूरी के नियम टूटने से प्रशासन और पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी। ऐसे में महेश ने रास्ता खोजा और गांव वालों को उनकी जरूरत का सामान प्रशासन के सहयोग से आपूर्ति करने के लिए प्लान तैयार किया। प्रशासन के अधिकारियों को भी महेश की बात में दम दिखा और गांवों में टेंपों की मदद से जरूरी सामान की आपूर्ति शुरू कर दी गई। अब पिछले चार सप्ताह से महेश हर दिन अपने टेंपों में रात में ग्रामीणों से पैसा जमाकर सुबह मंडी से सब्जी खरीदकर गांव में सप्लाई करते हैं। ऐसे ही किराना का सामान भी गांव में हर दिन लेकर पहुंचते हैं। महेश के इस प्लान से जहां ग्रामीणों में मंडी आदि के चक्कर काटने नहीं पड़ रहे, वहीं प्रशासन को भी भीड़ जमा होने आदि की समस्या से राहत मिल रही है।
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फ्री में हो रही सेवा
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी महेश खुद लोगों की मदद के लिए आगे आए और ग्रामीणों की जरूरत का सामान उन तक पहुंचाने के लिए फ्री में आपूर्ति शुरू की। महेश के अनुसार उनके द्वारा सब्जी आदि की आपूर्ति किए जाने से कई लोगों को घर में ही रोजगार मिल गया है। लोग सब्जी की बिक्री कर अपनी गृहस्थी चला रहे हैं। इस संबंध में हीरालाल सैनी ने बताया कि महेश कुमार का सहयोग बहुत ही सराहनीय है, तहसील से जब भी क्वारटांइन सेंटर अथवा ग्रामीणों को सामान भेजा जाता है, तो फोन करते ही उनका टेंपों प्रशासन को मिल जाता हैं।