हत्या का राजफाश बना चुनौती, एजेंसी ने जारी किए नोटिस
हत्या का राजफाश बना चुनौती एजेंसी ने जारी किए नोटिस हाजी अलीम हत्याकांड - सीबीसीआइडी मेरठ कर रही है जांच - चालक को हाल ही में पिस्टल के आरोप में भेजा जेल बुलंदशहरजेएनएन। बसपा के पूर्व विधायक हाजी अलीम की हत्या का राजफाश होना सीबीसीआइडी के लिए चुनौती बनता जा रहा है। एक करीबी के विरुद्ध सुबूत जुटाने के लिए एजेंसी ने फिर से सात से आठ लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इन सभी लोगों को एजेंसी ने बयानों के लिए मेरठ बुलाया है। जिन लोगों को नोटिस जारी हुए हैं। जल्द ही उन्हें नोटिस मिल जाएंगे। बता दें कि सीबीसीआइडी इस प्रकरण में विवेचक समेत करीब 24 लोगों को नोटिस जारी करके बयान दर्ज कर चुकी है।
बुलंदशहर,जेएनएन। बसपा के पूर्व विधायक हाजी अलीम की हत्या का राजफाश होना सीबीसीआइडी के लिए चुनौती बनता जा रहा है। एक करीबी के विरुद्ध सुबूत जुटाने के लिए एजेंसी ने फिर से सात से आठ लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इन सभी लोगों को एजेंसी ने बयानों के लिए मेरठ बुलाया है। जिन लोगों को नोटिस जारी हुए हैं। जल्द ही उन्हें नोटिस मिल जाएंगे। बता दें कि सीबीसीआइडी इस प्रकरण में विवेचक समेत करीब 24 लोगों को नोटिस जारी करके बयान दर्ज कर चुकी है।
नौ अक्टूबर 2018 को पूर्व विधायक हाजी अलीम की गोली लगने से संदिग्ध हालत में उनके ही कमरे में मौत हो गई थी। इस मामले में हाजी अलीम के भाई व सदर ब्लॉक प्रमुख हाजी युनुस ने अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे में शहर कोतवाली के विवेचक ने फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर आत्महत्या मानकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इसके बाद हाजी अलीम का बेटा अनस हाईकोर्ट में पहुंचा और उसने सीबीआइ जांच की मांग की। सीबीआइ जांच तो नहीं हुई, लेकिन जांच सीबीसीआइडी को चली गई। चार दिन पहले एजेंसी ने हाजी अलीम के पुराने नौकर साजिद को अवैध पिस्टल रखने के आरोप में जेल भेजा था। सूत्रों का कहना है कि सीबीसीआइडी की जांच में एक करीबी का नाम प्रकाश में आ रहा है। इस करीबी का साथ देने में पांच नाम और सामने आ रहे हैं। अनुमान है कि वर्तमान में जिन लोगों को बयानों के लिए नोटिस जारी हुए हैं। यह बयान होने के बाद ही राजफाश हो सकता है।
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यह हुआ था घटनाक्रम
नौ अक्टूबर 2018 की रात पूर्व विधायक अपने बैडरूम में सोए थे। 10 अक्टूबर की सुबह उनका गोलियों से छलनी शव मिला। पुलिस जांच में सामने आया कि एक गोली कनपटी पर लगी हुई थी और दूसरी गोली दीवार में लगी थी। एक खोखा तो मौके से बरामद हो गया, जबकि दूसरा खोखा फोरेंसिक टीम को बैड के नीचे से मिला था। इसके बाद फोरेंसिक जांच ने एक माह के बाद अपनी रिपोर्ट पुलिस को दी थी। जिसके आधार पर विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।