फ्रेट कॉरीडोर प्रकरण: मुआवजे को लेकर गरजे किसान
फ्रेट कॉरीडोर के लिए अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर गांव समसपुर में हुई महापंचायत में एसडीएम के नहीं आने पर किसानों का गुस्सा भड़क गया।
खुर्जा: फ्रेट कॉरीडोर के लिए अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर गांव समसपुर में हुई महापंचायत में एसडीएम के नहीं आने पर किसानों का गुस्सा भड़क गया। गुस्साए किसान फ्रेट कॉरीडोर के प्लांट में घुस गए। जहां उन्होंने गेट को बंद कराते हुए उस पर बैनर और झंडे लगाते हुए कार्य को बंद करा दिया। साथ ही बिना समाधान के कार्य करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
खुर्जा जंक्शन क्षेत्र के कई गांवों की जमीन को रेलवे द्वारा महत्वाकांक्षी परियोजना डेडीकेडेट फ्रेट कॉरीडोर के लिए अधिग्रहित किया गया है। अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजे समेत कई गांवों को लेकर गांव मदनपुर में किसान भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले पिछले कई महीनों से धरना-प्रदर्शन करते हुए आ रहे हैं। बुधवार को गांव समसपुर में भारतीय किसान यूनियन के मेरठ मंडल अध्यक्ष मांगेराम त्यागी के नेतृत्व में महापंचायत आयोजित हुई। इसमें गांव समसपुर, मदनपुर, मैना, कलंदरगढ़ी समेत दर्जनों गांवों के किसान पहुंचे और उचित मुआवजे को लेकर हुंकार भरी। साथ ही महापंचायत में किसान एसडीएम सदानंद गुप्ता को बुलाने की मांग करने लगे। काफी देर तक इंतजार करने के बाद जब एसडीएम नहीं पहुंचे, तो किसान फ्रेट कॉरीडोर के प्लांट के गेट के अंदर घुस गए और प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने गेट पर बैनर लगाते हुए कार्य को रुकवा दिया।
इस दौरान मांगेराम त्यागी ने कहा कि जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होती, तब तक काम नहीं होने दिया जाएगा। किसान नेता चौधरी बब्बन ¨सह ने कहा कि मुआवजा मिलने के बाद ही फ्रेट कॉरीडोर का काम शुरू होने देंगे। इसके बाद शाम करीब चार बजे तहसीलदार वेद प्रिय आर्य और कोतवाली प्रभारी अरविंद कुमार मौके पर पहुंचे और किसानों को डीएम वार्ता कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानों ने पंचायत समाप्त कर दी, लेकिन आंदोलन जारी रखने की बात कहीं। इस दौरान कैलाश भागमल गौतम, ललित, होशियार ¨सह, छोटे ¨सह, अतर ¨सह, रुद्रदत्त, कुंवरपाल, गुलजार, अमन चौधरी, कुलदीप, सौरभ, अजय, मोहन ¨सह आदि रहे।
पुलिस-प्रशासन पूरी तरह रहा सतर्क:
किसानों की महापंचायत को लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क दिखाई दिया। प्रशासन को डर था कि किसान कहीं दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग तक ना पहुंच जाए। जिसके चलते ही खुर्जा देहात, अरनिया, पहासू, पीएसी आदि को खुर्जा में बुला लिया गया। पंचायत के शांति से समाप्त होने पर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली।