मंडी में किसानों के प्लेटफार्म पर काबिज, जिला प्रशासन मौन
जेएनएन बुलंदशहर कृषि प्रधान जिले की गल्ला फल और सब्जी मंडियों में नियम और कानून को धता बताकर आढ़ती प्लेटफार्म पर काबिज हैं।
जेएनएन, बुलंदशहर :
कृषि प्रधान जिले की गल्ला, फल और सब्जी मंडियों में नियम और कानून को धता बताकर आढ़ती प्लेटफार्म पर काबिज हैं। मंडी समिति की शह पर किसानों के प्लेटफार्म पर आढती काबिज हैं। हालात यह हैं कि किसान और उनकी पकी फसल खुले आसमान के नीचे रहती हैं और आढती प्लेटफार्म पर काबिज होकर किसानों पर ही रौब गालिब करता नजर आता है। इसकी सुध न तो जिला प्रशासन को है और न ही मंडी समिति को। किसानों के लिए बनाए गए प्लेटफार्म पर मंडी समिति की शह पर आढती काबिज हैं।
नए कृषि कानून को लेकर भले ही किसान आंदोलनरत हों लेकिन आढती भी इनकी गाढ़ी कमाई और अधिकारों का हनन करने में पीछे नहीं हैं। गत दिनों आई बारिश में किसानों की करोड़ों रुपये का धान बारिश में भीगकर बेकार हो गया। आढतियों ने इस भीगे धान को खरीदने तक से इंकार कर दिया। किसानों को सस्ती दरों पर आढतियों को धान बेचने पर मजबूर होना पड़ा। अपने अधिकारों से अनभिज्ञ किसान मंडी परिसर में धान की फसल को लेकर खड़े रहे और फसल बर्बाद होते देखते रहे। जबकि मंडी परिसर में बने प्लेटफार्म किसानों के लिए हैं। ताकि प्राकृतिक आपदा के समय किसानों की फसल बर्बाद न हो और प्लेटफार्म और चबूतरों पर फसल को सुरक्षित रखा जा सके।
....
छह प्लेटफार्म काबिज
सदर तहसील के अनूपशहर रोड स्थित मंडी में सरकार ने गल्ला में मंडी तीन, सब्जी मंडी में दो और फल मंडी में एक प्लेटफार्म का निर्माण कराया था। छह प्लेटफार्म पर अब आढतियों की बोली लगती है और कारोबार के हिसाब से इन्होंने इन पर कब्जा कर लिया है।
...
प्रतिदिन 4.30 लाख का राजस्व
मंडी सचिव ने बताया कि शुक्रवार को मंडी में यूजर चार्ज एक प्रतिशत और मंडी शुल्क डेढ प्रतिशत के हिसाब से 4.32 लाख रुपये राजस्व आया है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि पांच-छह करोड़ रुपये का रोजाना कारोबार होता है।
....
इन्होंने कहा..
बारिश में किसानों की फसल भीगने और आढतियों के प्लेटफार्म पर कब्जा होने शिकायत मिली हैं। आढतियों को चिह्नित किया जा रहा है। मंडी सचिव से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
-मीनू राणा
सिटी मजिस्ट्रेट।