दोपहर में ब्रेथ एनलाइजर से जांच, चालक पास
रोडवेज बसों के हादसे की वजह चालकों के नशे व तेज रफ्तार माना गया था। चालकों द्वारा बस का संचालन नशे में किए जाए इसके लिए उनकी जांच कर व्यापक का कार्रवाई का निर्देश दिया था।
बुलंदशहर, जेएनएन। रोडवेज बसों के हादसे की वजह चालकों के नशे व तेज रफ्तार माना गया था। चालकों द्वारा बस का संचालन नशे में किए जाए, इसके लिए उनकी जांच कर व्यापक का कार्रवाई का निर्देश दिया था। लेकिन सिकंदराबाद में देर शाम नहीं बल्कि दिन में ही करीब 20 रोडवेज बसें रोकर चालकों की ब्रेथ एनलाइजर मशीन से जांच कर औपचारिकता पूरी की जा रही है। कोई भी चालक नशे में नहीं मिला।
गत आठ जुलाई की तड़के आगरा स्थित यमुना एक्सप्रेस वे पर रोडवेज बस रेलिग तोड़कर नाले में गिर गई थी। जिसमें 29 से अधिक सवारियों की जान चली गई थी। हादसे के पीछे रोडवेज बस के चालक के नशे की हालत में बताया गया था। जिससे प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया और ऐसे चालकों की जांच के लिए देर शाम से लेकर तड़के तक अभियान चलाने व कार्रवाई का निर्देश दिया था। इसके पीछे दूसरा कारण कांवड़ यात्रा भी है। ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान ऐसे चालकों पर कार्रवाई कर हादसे पर लगाम कस सके। लेकिन सिकंदराबाद में यह अभियान शुक्रवार को एनएच 91 पर दिन में ही चलाकर खानापूर्ति की गई। सिकंदराबाद डिपो की एआरएम ममता सिंह व स्टाफ की मौजूदगी में कोतवाली पुलिस ने एनएच स्थित नेतरामपुरी पर दोपहर अभियान चलाया। बुलंदशहर रोड से गाजियाबाद व दिल्ली, नोएडा जाने वाली विभिन्न डिपो की करीब 20 से अधिक बसों को रोका और चालकों की ब्रेथ एनलाइजर मशीन से उनके नशे के संबंध में टेस्ट कराया। लेकिन कोई भी चालक नशे की हालत में नहीं मिला।
अधिकारी बोले
शुक्रवार की सुबह ही ब्रेथ एनलाइजर मशीन उपलब्ध कराई थी, इसके लिए केवल फ्लोर टेस्ट के लिए दिन में अभियान चलाया गया। यह अभियान देर शाम रोडवेज बस चालक नहीं बल्कि अन्य वाहनों के चालकों की जांच के लिए चलेगा। इसके लिए चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार की जा रही है। -गोपाल सिंह, सीओ, सिकंदराबाद -शुक्रवार को अभियान मात्र चालकों को यह दर्शना था कि यदि उन्होंने नशा कर बस संचालन किया तो तय नियमों के तहत उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जिसमें नियमित चालक व संविदा कर्मियों की नौकरी भी जा सकती है। हर शाम स्थानीय पुलिस की मदद से अभियान के लिए डिपो से अफसरों की ड्यूटी निर्धारित की गई है। -ममता सिंह, एआरएम, सिकंदराबाद