हे मां! तूने ये क्या किया, बच्चे दर्शन करके लौट रहे थे
बुलंदशहर में मां वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे हाथरस के श्रद्धालुओं का काल से ऐसा सामना हुआ कि कई परिवारों की खुशियां उजड़ गई।
बुलंदशहर, जेएनएन : मां वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे हाथरस के श्रद्धालुओं का काल से ऐसा सामना हुआ, कि कई परिवारों की खुशियां उजड़ गई। अपनों की मौत पर बिलख रहे परिजन मर्चरी के बाहर भाग्य को कोसते नजर आए। बिलखते परिजनों के मुंह से बस यही निकला, कि हे मां तूने ये क्या कि, बच्चे तेरे दर्शन करके लौट रहे थे। परिजनों का विलाप देखकर मौजूद लोगों की आंखे भी भर आई।
बिलखते परिजनों ने बताया कि हादसे से कुछ घंटे पहले ही मृतकों से उनकी मोबाइल फोन पर बात हुई थी। माला ने अपने पति उदयवीर को बताया कि वह कुछ देर में बुलंदशहर पहुंच रहे हैं और नरौरा में गांधी गंगा घाट पर स्नान करेंगे। माला ने दुनिया छोड़ने वाली प्यारी बिटिया कल्पना से भी बात कराई। वह मां के दर्शन के बाद बहुत खुश थी। बेटी की बात बताते वह फूट-फूटकर रोने लगा। बेबस पिता और पति के आंसू देखकर वहां खड़े लोगों की आंखों में भी आंसू निकल गए। बिलखते हुए कई परिजन मर्चरी के बाहर जमीन पर बैठ गए और उनके मुंह से बस यही निकला, कि मां तूने ये क्या किया बच्चे का मुंडन कराकर और माता के दर्शन करके श्रद्धालु लौट रहे थे। घर लौटते समय माता के भजनों का गुणगान करते हुए चल रहे थे। लेकिन ऐसा नजारा तूने दिखाया, जिसके बारे में कभी सोचा नहीं था। परिजन अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन से मिली दस हजार रुपये की धनराशि लेते हुए भी फूट-फूटकर रोए।
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उजड़ गई दुनिया, बेबस दिखे परिजन
तीर्थयात्रा शुरू होने से पहले रिश्तेदारों और परिजन काफी खुश थे। जयकारों के साथ बस में सवार हुए और माता के दर्शन कर हरिद्वार पहुंचे। यहां स्नान कर नरौरा में रात्रि विश्राम का कार्यक्रम बना। बस इसी ठहराव ने कई परिवारों की खुशियों को लूट लिया। मौके पर विलाप करते कई परिजनों की आंखों का पानी सूख गया, पर चेहरे पर अपनों को खोने और कुछ न कर पाने की बेबसी के भाव ने लोगों को अंदर तक हिला दिया। नरौरा से मर्चरी और मर्चरी से हाथरस तक सिर्फ विलाप की आवाज ने मौत से सन्नाटे को तोड़े रखा।