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संवेदनशील दस गांवों में कृषि भूमि से लेकर आबादी को खतरा

जिले में गंगा का जलस्तर बढ़ने पर स्याना अनूपशहर और डिबाई सहित तीन तहसील क्षेत्रों के 39 गांव प्रभावित होते हैं। इनमें डिबाई तहसील क्षेत्र में दस गांव प्रशासन की सूची में संवेदनशील हैं। जहां की कृषि भूमि से लेकर आबादी के लिए बाढ़ का खतरा ज्यादा बना रहता है। हालांकि प्रशासन गंगा का रौद्र रूप देख बाढ़ की रोकथाम एवं बचाव की तैयारी मुक्कमल करने में लगा है। निगरानी समितियों सहित बाढ़ चौकियों को सक्रिय करके अधीनस्थों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 10:02 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 10:02 PM (IST)
संवेदनशील दस गांवों में कृषि भूमि से लेकर आबादी को खतरा

जेएनएन, बुलंदशहर। जिले में गंगा का जलस्तर बढ़ने पर स्याना, अनूपशहर और डिबाई सहित तीन तहसील क्षेत्रों के 39 गांव प्रभावित होते हैं। इनमें डिबाई तहसील क्षेत्र में दस गांव प्रशासन की सूची में संवेदनशील हैं। जहां की कृषि भूमि से लेकर आबादी के लिए बाढ़ का खतरा ज्यादा बना रहता है। हालांकि प्रशासन गंगा का रौद्र रूप देख बाढ़ की रोकथाम एवं बचाव की तैयारी मुक्कमल करने में लगा है। निगरानी समितियों सहित बाढ़ चौकियों को सक्रिय करके अधीनस्थों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। राहत शिविर बनाकर आपदा के समय यहां व्यस्थापित कराए लोगों को वितरित होने वाली खाद्य सामग्री के लिए टेंडर छोडे़ जा रहे हैं। खतरे के निशान से 0.175 मीटर नीचे अभी जलस्तर

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पहाड़ों पर हुई बरसात की वजह से मैदानी इलाकों में तीन दिनों से गंगा रौद्र रूप दिखा रही है। हालांकि अब बरसात नहीं हो रही। फिर भी जिले में हालात अभी सामान्य नहीं दिख रहे हैं। जरगवां क्षेत्र के रामघाट में कटान होने से गंगा का बहाव श्मशान घाट तक पहुंच गया। नरौरा बैराज पर खतरे के निशान से 0.175 मीटर नीचे अभी गंगा का जलस्तर बना हुआ है। जिस पर प्रशासन अलर्ट हो गया है। स्याना में यह आठ गांव होते प्रभावित

हापुड़ जिले से बहती हुई गंगा जिले की स्याना तहसील क्षेत्र में प्रवेश करती है। गंगा का जल स्तर बढ़ने पर इस तहसील क्षेत्र के रवानी कटीरी खादर, बसी खादर, फतहपुर गुर्जर, निजामपुर खादर, माडू हसनगढ़ी खादर, बिहारीपुर, औरंगाबाद ताहरपुर खादर आठ गांव प्रभावित होते हैं। अनूपशहर के इन 11 गांवों में बाढ़ का खतरा

अनूपशहर तहसील क्षेत्र के 11 गांवों में शामिल हसनुपर खादर, अकबरपुर बच्चीखेड़ा खादर, गंगावास जाफराबाद, रूढ़खादर, अहार खादर, मोहम्मदपुर खादर, सिरोरा खादर, तोरई खादर, मुबारिकपुर खादर, अनूपशहर खादर, शेरपुर खादर गांवों को क्षेत्र प्रशासन की सूची में गैर आबादी में दर्ज हैं, लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने पर यह प्रभावित हो जाते हैं। डिबाई में नरौरा डेम अपस्ट्रीम के ये गांव होते प्रभावित

डिबाई तहसील क्षेत्र में गंगा का जलस्तर बढ़ने पर नरौरा डेम के पश्चिम दिशा में अपस्ट्रीम के भैरिया हरिद्धारपुर बांगर, उदयपुर खुर्द खादर, कर्णवास खादर, बिनौला रूप खादर, नयाबांस खादर, राजघाट बांगर, उदयगढ़ी खादर, नौदई खादर, नरौरा खादर दस गांवों का क्षेत्र प्रभावित होता है। डाउनस्ट्रीम के दस गांव संवेदनशील

नरौरा डेम के पूर्व दिशा में डाउनस्ट्रीम के दस गांव ज्यादा प्रभावित होते हैं। इनमें जयरामपुर खादर, निवाड़ी खादर, हकीमपुर खादर, गंगावास खादर, रामघाट बांगर, गोकुलपुर खादर, नौजरपुर खादर, ऊंचागांव खादर, जसूपुर गंग में कहीं कृषि भूमि तो कहीं आबादी तक डबूने का खतरा बना रहता है। इसलिए प्रशासन की सूची में यह संवेदनशील गांवों की सूची में दर्ज हैं। बजट नहीं मिलने पर राज्य आदा मोचन निधि होगी खर्च

जिले पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन शासन की ओर से निगरानी एवं राहत के लिए कोई अलग से बजट नहीं भेजा है। जिला स्तर पर बाढ़ की रोकथाम एवं बचाव के लिए तैयारी की जा रही है। अफसरों को कहना है कि शासन से बजट नहीं मिला तो जरूरत पड़ने पर राज्य आदा मोचन निधि के एक करोड़ 78 लाख रुपये की धनराशि व्यवस्थाओं पर खर्च की जाएगी। इन्होंने कहा....

बरसात नहीं होने से जिले में गंगा का जलस्तर जितना एक दिन पहले था उतना ही बना हुआ है। बाढ़ की स्थिति फिलहाल नहीं है, लेकिन चौकसी पूरी बरती जा रही है। निगरानी समितियों, बाढ़ चौकियों को सक्रिय करके राहत शिविर बना दिए हैं। आपदा के समय प्रभावित इलाके के लोगों को इनमें पहुंचा दिया जाएगा। जिन्हें खाद्य सामग्री वितरित करने के लिए टेंडर छोड़े जा रहे हैं।

सहदेव मिश्र, एडीएम एफआर


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