Move to Jagran APP

फैक्ट्रियों में अग्निकांड: कागजों में कार्रवाई के दावे, धरातल पर कुछ नहीं

कस्बे में औद्योगिक क्षेत्र में 500 से अधिक फैक्ट्रियां संचालित हैं। लेकिन फैक्ट्रियों में न तो अग्निशमन यंत्र पूरे हैं और न ही सुरक्षा के मानक तय हैं। जिसका राजफाश आग की भीषण घटना पर होता है। अधिकारी लापरवाही बताते हुए कार्रवाई की बात करते हैं लेकिन दावे हवाई साबित होते हैं। जिससे फैक्ट्रियों में रहने वाले कर्मी असुरक्षा में रहने को मजबूर है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 11:54 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:05 AM (IST)
फैक्ट्रियों में अग्निकांड: कागजों में कार्रवाई के दावे, धरातल पर कुछ नहीं
फैक्ट्रियों में अग्निकांड: कागजों में कार्रवाई के दावे, धरातल पर कुछ नहीं

बुलंदशहर, जेएनएन। कस्बे में औद्योगिक क्षेत्र में 500 से अधिक फैक्ट्रियां संचालित हैं। लेकिन फैक्ट्रियों में न तो अग्निशमन यंत्र पूरे हैं और न ही सुरक्षा के मानक तय हैं। जिसका राजफाश आग की भीषण घटना पर होता है। अधिकारी लापरवाही बताते हुए कार्रवाई की बात करते हैं, लेकिन दावे हवाई साबित होते हैं। जिससे फैक्ट्रियों में रहने वाले कर्मी असुरक्षा में रहने को मजबूर है।

loksabha election banner

सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में टाइल्स, पेंट, सीमेंट, गद्दा फैक्ट्री समेत ऐसी कई फैक्ट्रियों संचालित है, जिसमें कई ज्वलनशील पदार्थो का प्रयोग होता है।जनवरी माह बेकार हो चुके टायर से ज्वलनशील पदार्थ निकालने वाली फैक्ट्री में टायरों के गोदाम में लगी भीषण से फैक्ट्री में परिवार समेत रहने वाले तीन मजबूर फंस गए थे। जिन्हें किसी तरह फायर कर्मियों में रेसक्यू करके निकाला था। सात घंटे बाद आग पर काबू पाया गया। इसके बाद मार्च माह में दूसरी फैक्ट्री में आग लगी। जिससे पर समय रहते काबू पाया। अब तक कोको फॉम व 31 अगस्त को सालोनी गद्दा फैक्ट्री में भीषण आग लग चुकी है। जिसमें कई कर्मियों की जान पर आफत बनी गई थी, पुलिस बल व फायर कर्मियों ने अभियान चलाकर उन्हें बाहर निकाला। हर बार अग्निशमन अधिकारियों ने आग के पीछे फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही बताते हैं। अग्निशमन यंत्र होते हैं, लेकिन समय पर वह काम नहीं आ पाते। अग्निकांड के दौरान कहीं अग्निशमन यंत्र पूरे न होने, तो कहीं हादसों के बचाव के लिए कर्मियों को सुरक्षा किट न दिए जाने पर अधिकारी फैक्ट्री प्रबंधन की अनदेखी व लापरवाही बता अपना पल्ला झाड़ लेते हैं और कार्रवाई का दावा करते हैं, लेकिन कार्रवाई क्या हुई, इसका राजफाश कभी नहीं होता।

--

इन्होंने कहा ..

सिकंदराबाद नगर में कोई उद्योग संचालित नहीं है। यूपीएसआइडीसी के औद्योगिक क्षेत्र में छोटी-बड़ी फैक्ट्री संचालित है। जहां रास्ते 18 से 20 चौड़े हैं। जहां समय समय पर अग्निकांड से बचाव के लिए यंत्रों की जांच कर फैक्ट्री संचालकों को निर्देशित किया जाता है। अग्निकांड के दौरान लापरवाही पर समय पर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई कर मानक पूरे कराए जाते हैं।

- संजीव यादव, अग्निशमन अधिकारी, सिकंदराबाद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.