जिला पंचायत राज कार्यालय से प्रधानों की फाइलें गायब, हंगामा
स्वच्छ भारत मिशन द्वारा बनाए गए शौचालय और गांवों के विकास कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत पत्र जिला पंचायत राज विभाग गायब मिली।
बुलंदशहर, जेएनएन : स्वच्छ भारत मिशन द्वारा बनाए गए शौचालय और गांवों के विकास कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत पत्र जिला पंचायत राज विभाग गायब मिली। जटपुरा के ग्रामीणों ने विभागीय कर्मचारियों पर आरोप-प्रत्यारोप जड़कर हंगामा किया और दोबारा शपथ पत्र सौंपे। उधर, मोहम्मदपुर कलां के ग्रामीणों का आरोप है कि प्रथम जांच में ग्राम प्रधान के खिलाफ जांच सही पाई गई और खातों पर रोक लगा दी गई। अंतरिम जांच फर्जी बता ग्रामीणों ने डीएम से मामले की शिकायत करने की बात कही है।
अनूपशहर ब्लॉक के गांव जटपुरा के ग्रामीण तेजपाल, दलकौर, महेंद्र सिंह, खूबीराम, पुष्पेंद्र, उपेंद्र, त्रिभान सिंह, अंकुर, जगवीर सिंह और विनोद कुमार ने बताया कि दो माह पूर्व ग्राम प्रधान के खिलाफ जांच की मांग की गई थी। जिलाधिकारी को शपथपत्र सहित बगैर शौचालय बने खाते से धनराशि निकालने और कई विकास कार्यो में बरती गई अनियमितता की जांच कराने की मांग की गई थी। सोमवार को ग्रामीणों ने जांच की बाबत जानकारी चाही तो विभाग में उनका शिकायती पत्र और शपथ पत्र गायब मिला। ग्रामीणों ने पूर्व की छायाप्रति दिखाई तो विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने शपथ पत्र बनवाकर शिकायत दोबारा दर्ज करायी है।
उधर, सिकंदराबाद क्षेत्र के मोहम्मदपुर कलां के ग्रामीणों ने का आरोप है कि ग्राम प्रधान के खिलाफ शौचालय और विकास कार्यों में अनियमितता की शिकायत पर खाते सीज कर दिए गए थे। अंतरिम जांच के लिए जल निगम के अधिशासी अभियंता को जांच सौंपी गई। आरोप है कि जांचकर्ता ने बगैर मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान से साज कर शिकायती बिदुओं को दरकिनार कर जांच में अभयदान दे दिया। इतना ही नहीं दो माह से गांव में विकास कार्य ठप पड़े हैं। डीएम ने ग्राम प्रधान का चार्ज शिकायतकर्ता और तीन समिति सदस्यों को सौंपने के आदेश जारी किए थे लेकिन बीडीओ ने अभी तक इन आदेशों पर अमल नहीं किया। दोनों ही मामलों में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से शिकायत करने की बात कही है।
....
इन्होंने कहा...
विभाग से शिकायतकर्ताओं की फाइल गायब होने की शिकायत मेरे पास नहीं आई है। मामले में संबंधित विभागीय कर्मचारियों से मामले की जानकारी ली जाएगी। जांच के दौरान यदि ग्राम प्रधान शिकायतों का निस्तारण कर लेते हैं और स्पष्टीकरण सही पाया जाता है तो अंतरिम जांच पर ही कार्यवाही होती है।
-अमरजीत सिंह, डीपीआरओ