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उर्वरक का प्रयोग हुआ कम, नहीं सुधर रही धरती की सेहत

सरकार खेती में रासायनिक उर्वरक का कम प्रयोग कराने के लिए किसानों को जागरूक कर रही हो। बावजूद इसके खेती में रासायनिक उर्वरक के प्रयोग में कमी तो आई लेकिन धरती की सेहत पर कोई खास असर नहीं हुआ है। उधर जिले के चयनित मॉडल गांव में किसानों को विभाग ने कंपोस्ट या जैविक खाद उपलब्ध नहीं करा पाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 10:43 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 10:43 PM (IST)
उर्वरक का प्रयोग हुआ कम, नहीं सुधर रही धरती की सेहत
उर्वरक का प्रयोग हुआ कम, नहीं सुधर रही धरती की सेहत

बुलंदशहर, जेएनएन। सरकार खेती में रासायनिक उर्वरक का कम प्रयोग कराने के लिए किसानों को जागरूक कर रही हो। बावजूद इसके खेती में रासायनिक उर्वरक के प्रयोग में कमी तो आई, लेकिन धरती की सेहत पर कोई खास असर नहीं हुआ है। उधर, जिले के चयनित मॉडल गांव में किसानों को विभाग ने कंपोस्ट या जैविक खाद उपलब्ध नहीं करा पाया है। जिससे स्थिति अधिक विकट हो रही है।

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सरकार खेतों में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कम करने के लिए जिले के 16 गांवों को मॉडल गांव के रूप में चिन्हित किया था। मॉडल गांवों से मिट्टी के 3 हजार 672 नमूने एकत्र करा कर उनकी जांच कराने के बाद 451 किसानों के खेतों में गेहूं के प्रदर्शन लगवाए थे। लेकिन विभाग की तरफ से उनको जैव उर्वरक, सूक्ष्म पोषक तत्व, जिप्सम तथा गोबर कंपोस्ट खाद ही उपलब्ध नहीं कराई। जिस कारण किसान रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कम करने के लिए जागरूक नहीं हो पाएं। जिले में मृदा परीक्षण लैब एक नजर में

जिले में मिट्टी की जांच के लिए जिला मृदा परीक्षण लैब सहित कुल पांच मृदा परीक्षण लैब हैं। जिला मृदा परीक्षण लैब पर ही समस्त जांच होती है। इन चार लैब पर केवल एनपीके, पीएच, आर्गेनिक कार्बन की जांच होती है। गेहूं की बुवाई हो गई और बाद में आई रिपोर्ट

मॉडल गांव से मिट्टी के नमूने तो लिए गए लेकिन सभी किसानों को उनका रिपार्ट कार्ड मुहैया नहीं हो पाए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा है कि मृदा परीक्षण लैब में मिट्टी की जांच के लिए रसायन ही उपलब्ध नहीं हो पाए थे। बंजर हो रही धरती

रसायनिक उर्वरकों के अधिक प्रयोग होने का अरनिया, शिकारपुर, सिकंदराबाद आदि ब्लाक के तीन दर्जन से अधिक गांवों की स्थित अधिक खराब सामने आई है। इन गांवों की जमीन बंजर होने के कगार पर पहुंची गई है। जमीन को उपजाऊ बनाने वाले तमाम तत्व कमजोर हो रहे हैं। मृदा परीक्षण के दौरान तमाम पोषक तत्वों का तानाबाना बिगड़ा हुआ सामने आया है। बोले किसान

सरकार का प्रयास बेकार साबित हो रहा है। कृषि विभाग लोगों को रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कम करने के लिए जागरूक नहीं कर पा रहा है। किसान ज्यादा पैदावार के फेर में रासायनिक उर्वरक का अत्यधिक प्रयोग कर रहे है।

- प्रवीण कुमार, खंदोई

किसान अधिक उत्पादन के चक्कर में अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कर रहे हैं। बिना रासायनिक उर्वरक प्रयोग के फसल भी नहीं हो पा रही है। किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

- अशोक चौहान

इन्होंने कहा ..

जिले में रासायनिक उर्वरक के प्रयोग में नाकाफी कमी आई है। किसानों को रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कम करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

- अश्विनी कुमार सिंह, जिला कृषि रक्षा अधिकारी


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