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कोल्हुओं पर गन्ना डाल रहे है किसान

- पर्ची नहीं आने के कारण प्रभावित हो रही गेहूं की बुवाई शिकायतों के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई जेएनएन बुलंदशहर। गन्ना किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है। क्योंकि वर्तमान में पर्ची नहीं आने से गेहूं की बुवाई प्रभावित हो रही है। जिस कारण मजबूरी में किसान कोल्हुओं पर कम दामों में गन्ना डाल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 06:30 AM (IST)
कोल्हुओं पर गन्ना डाल रहे है किसान

जेएनएन, बुलंदशहर। गन्ना किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है। क्योंकि वर्तमान में पर्ची नहीं आने से गेहूं की बुवाई प्रभावित हो रही है। जिस कारण मजबूरी में किसान कोल्हुओं पर कम दामों में गन्ना डाल रहे हैं।

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पहासू में खुर्जा मार्ग स्थित त्रिवेणी शुगर मिल के पेराई सत्र को शुरू हुए करीब महीने भर का समय बीत गया है। जब मिल शुरू होती है, तो सबसे पहले किसानों को पेड़ी गन्ने पर्चियां उपलब्ध कराई जाती हैं। जिसके बाद पौध की पर्ची जारी होती हैं। क्योंकि अगर किसानों को समय रहते पेड़ी गन्ने की पर्ची मिल जाती है, तो वह अपने खेत से पेड़ी गन्ने खाली कर लेता है। जिसके बाद खेत में लेट वैरायटी के गेहूं की बुवाई कर देता है। अब गेहूं की बुवाई का समय बीतता जा रहा है और क्षेत्र के अधिकांश किसानों को अभी तक पेड़ी गन्ने की पर्चियां प्राप्त नहीं हो पाई हैं। ऐसे में गेहूं की बुवाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। जिसको लेकर किसान जल्दबाजी में खेत खाली करना चाह रहे हैं और मजबूरी में करीब 180 रुपये प्रति कुंटल की दर से कोल्हुओं पर गन्ना डालने को मजबूर हैं। वहीं कुछ किसान अभी भी पर्चियों के आने का इंतजार कर रहे हैं। बोले किसान..

गन्ना सोसाइटी इंडेंट कम जारी कर रहीं हैं। जिससे पर्ची नहीं आ पा रही हैं। छोटे किसान होने के चलते गेहूं की बुवाई जरूरी है। इसलिए सस्ते दामों गन्ना कोल्हुओं पर गन्ना डालना पड़ रहा है।

--विपिन कुमार निवासी गांव बनैल। शुगर मिल की पर्चियां कम आ रही हैं। जिससे गेहूं बुवाई पिछड़ती जा रही है। इसलिए किसानों के सामने गन्ना कोल्हुओं पर डालने की मजबूरी है। कोल्हू पर गन्ना महज करीब 180 रुपये प्रति कुंटल बिक रहा है।

--दीपक कुमार, निवासी भीकमपुर। इन्होंने कहा..

गेहूं की बुवाई के लिए अभी समय बाकी है। किसान धैर्य रखें, क्योंकि इस बार सोसाइटी की तरफ से ऑटोमेटिक पर्चियां भेजी जा रही हैं। उनके पास समय से पर्चियां पहुंच जाएंगी।

--अनुज सिन्हा, वरिष्ठ प्रबंधक गन्ना।


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