जमीन कब्जामुक्त कराने के दौरान किसान ने खाया जहरीला पदार्थ
क्षेत्र के गांव सिरौरा में गंगा किनारे खादर में स्थित ग्राम समाज की जमीन पर काफी समय से किसान खेती कर रहे हैं। मंगलवार को तहसील प्रशासन की टीम जमीन को कब्जा मुक्त कराने पहुंची तो हंगामा हो गया।
बुलंदशहर, जेएनएन। क्षेत्र के गांव सिरौरा में गंगा किनारे खादर में स्थित ग्राम समाज की जमीन पर काफी समय से किसान खेती कर रहे हैं। मंगलवार को तहसील प्रशासन की टीम जमीन को कब्जा मुक्त कराने पहुंची तो हंगामा हो गया। मौके पर पहुंचे किसानों ने अपनी फसल को बर्बाद होता देख ग्राम प्रधान पर हमला कर जमकर मारपीट की। एक किसान ने जहर खा लिया। प्रधान और किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, तहसील प्रशासन की टीम ने कुछ जमीन पर कब्जा ले लिया है।
गांव सिरौरा में गंगा किनारे ग्राम समाज की लगभग छह सौ बीघा जमीन है। इस पर किसान गन्ने की खेती कर रहे हैं। इसकी शिकायत पर मंगलवार को एसडीएम के निर्देश पर राजस्व व चकबंदी विभाग की संयुक्त टीम ग्राम प्रधान हजारी लाल को साथ लेकर जमीन को कब्जा मुक्त कराने पहुंची। टीम ने जमीन पर खड़ी गन्ने की फसल में जेसीबी चलवा दी। फसल नष्ट होती देख किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। किसानों ने ग्राम प्रधान पर फसल को नष्ट कराने का आरोप लगाते हुए हमला कर मारपीट कर दी। ग्रामीणों का आक्रोश देख टीम में शामिल कुछ लोग मौके से निकल गए। कुछ ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान को किसानों से छुड़ाया। इस बीच फसल के नष्ट होने से परेशान गांव निवासी किसान रोदास ने जहर खा लिया। इसके बाद अभियान रोक दिया गया। किसान को बेहोशी की हालत में सीएचसी में भर्ती कराया गया है। मारपीट में घायल प्रधान का भी उपचार कराया गया। ग्राम प्रधान ने गांव के ही छह लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। हर वर्ष कर्मचारी करते हैं उगाही
सिरौरा के ग्रामीणों ने बताया कि दशकों से किसान गंगा के खादर में खेती कर रहे हैं। हर वर्ष सरकारी कर्मचारी यहां आते हैं और खेती करने की एवज में उगाही करके चले जाते हैं। इस बार किसानों ने खादर की जमीन पर गन्ने की फसल उगाई है, लेकिन अब अचानक सरकारी विभाग जमीन को कब्जा मुक्त कराने आ गए। ऐसे में किसानों को दोहरी मार पड़ रही है। इन्होंने कहा ..
सरकारी जमीन को हर हाल में कब्जा मुक्त कराया जाएगा। प्रशासन पर दबाव बनाने को कब्जाधारी लामबंद हो रहे हैं। जहर खाने वाला भी अवैध कब्जा धारक है। हालांकि अब किसान की हालत में सुधार है।
- पदम कुमार सिंह, एसडीएम।