हैंडपंपों के सूखे हलक, पालिका की पेयजल सप्लाई भी लड़खड़ाई
हर साल की तरह इस साल भी गर्मी के मौसम में पेयजल की विकराल समस्या झेलने के लिए तैयार रहिए क्योंकि शहर से देहात तक साढ़े चार हजार से अधिक इंडिया मार्का हैंडपम्प खराब पड़े हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। हर साल की तरह इस साल भी गर्मी के मौसम में पेयजल की विकराल समस्या झेलने के लिए तैयार रहिए, क्योंकि शहर से देहात तक साढ़े चार हजार से अधिक इंडिया मार्का हैंडपम्प खराब पड़े हैं। साथ ही जिले की अधिकांश पालिका और नगर पंचायतों में नलकूपों, जर्जर पाइप लाइन और ओवरहेड टैंकों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है।
हर साल गर्मी में पेयजल को लेकर शहर से देहात तक हाय तौबा मचती है। अब गर्मी का सीजन आने वाला है तो फिर से लोगों को पेयजल की समस्या की चिता सताने लगी है। गर्मी में हर साल लोगों को पेयजल के लिए प्रदर्शन करने पड़ते हैं। शहर के ऊपरकोट, कसाईवाड़ा में ऊंचाई अधिक होने के कारण गर्मी में पानी का संकट गहराता है। शहर से देहात तक सरकारी हैंडपम्प खराब पड़े हैं। ग्रामीण क्षेत्र में खराब पड़े हैंडपंपों को सही कराने के लिए ग्राम पंचायतें ध्यान नहीं दे रही हैं। खुर्जा, गुलावठी, डिबाई, अनूपशहर, स्याना और सिकंदराबाद क्षेत्रों में हैंडपम्प और पालिका की पेयजल सप्लाई की हालत ज्यादा खराब है। हैंडपंप सही कराने के ग्रामीण प्रधानों के पास जाते हैं। प्रधान की बार गांव की आंतरिक राजनीति के चलते ग्रामीणों को टरका देते हैं। जल निगम के अधिकारी बजट न होने का रोना रो देते हैं। ओवरहेड टैंकों नहीं हुई सफाई
बेहतर पेयजल व्यवस्था के दावों की हकीकत ये है, कि सालभर में बामुश्किल ही ओवरहेड टैंकों की सफाई होती है। नियमानुसार सफाई प्रत्येक छह माह में जरूरी है। क्लोरीन का मिश्रण भी मानक के अनुसार नहीं किया जाता है। रोज फूट रही लाइन
शहर में चल रही सीवर लाइन की खोदाई के चलते बुलंदशहर और अनूपशहर में आए दिन पाइप लाइन फूटती हैं और फिर पेयजल सप्लाई ठप हो जाती हैं।
इन्होंने कहा
देहात क्षेत्र में खराब हैंडपंप सही कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत और नगर क्षेत्र में नगर पंचायत की है। जलनिगम कार्यदायी संस्था है।
-रामचरण राय, जेई, जलनिगम मैंने कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया है। जल्द ब्लाकवार ग्राम पंचायतों का खराब हैंडपम्प का डाटा मंगवाया जाएगा। ग्राम पंचायतों पर पर्याप्त बजट है। हैंडपंपों को सही कराया जाएगा।
-नंदलाल, डीपीआरओ