जीर्णोद्धार के बाद भी सूख गया मलकपुर का तालाब
अनूपशहर: प्राचीन काल से ही जल का संचय तालाब की अहम भूमिका रही है, लेकिन वर्तमान में तालाबों का अस्ति
अनूपशहर: प्राचीन काल से ही जल का संचय तालाब की अहम भूमिका रही है, लेकिन वर्तमान में तालाबों का अस्तित्व खतरे में है। तालाबों पर अवैध कब्जे, उचित देखभाल नहीं होना इसकी मानी जा रही हैं। इसके चलते मलकपुर गांव में स्थित चार तालाब भी अपना अस्तित्व खोने की कगार पर हैं। गांव में पानी को संचित करने के लिए तालाबों को पुन: जीवित करना अति आवश्यकता है।
पड़ताल में पता चला कि गत वर्ष मनरेगा योजना के तहत मलकपुर गांव के मुख्य तालाब की सफाई कराई गई थी। यह कार्य तालाबों का जीर्णोद्धार योजना के अंतर्गत किया गया था। एक वर्ष बाद अब यह तालाब पूरी तरह से सूखा पड़ा है। ग्राम प्रधान बंटी लोधी ने बताया कि गांव में चार स्थानों पर तालाब हैं। इसके कारण गांव का पानी चार दिशाओं में बंट जाता है। ¨कतु जिस तालाब का जीर्णोद्धार कराया गया था, वह पूरी तरह सूखा पड़ा है। ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में गांव में पानी की किल्लत बढ़ जाएगी। जल संचय नहीं होने से भूजल स्तर काफी नीचे पहुंच जाएगा। इससे कृषि के लिए ¨सचाई आदि की दिक्कत का भी सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीण ¨चतित, सरकार उदासीन
आम जनता को जल संचय के बारे में जागृत करने की की आवश्यकता है। गांव में चार तालाब होना सौभाग्य की बात है, लेकिन चारों तालाब सूखे हैं। तालाबों को जल भरने के लिए लोगों को मिल जुलकर प्रयास करना चाहिए।
- अली हसन प्रशासन की लापरवाही व जनता की उदासीनता के चलते तालाब सूख गए। तालाब की भूमि पर ग्रामीणों ने कब्जा कर लिया है। उन्हें खाली कराकर पानी भरने की बात होनी चाहिए।
- गौरव गांव की नालियों का ढ़लान तालाब की ओर किया जाए। ताकि नालियों और वर्षा का पानी तालाब में एकत्र हो सके। जिसे प्राकृतिक क्रिया के माध्यम से स्वच्छ करके मानव जीवन में उपयोग करने योग्य बनाया जा सके।
- प्रशांत तालाब सूखने के कारण गांव का भूजल स्तर काफी नीचे गिर गया है। ये ही हालात रहे तो आने वाली पीढ़ी को पानी की समस्या झेलनी पडे़गी। प्रशासन व ग्रामीणों को तालाब बचने के सशक्त कदम उठाने होंगे।
- हिम्मत सिंह