शहर में हर जगह जाम, इंतजाम फेल
शहर का ऐसा कोई रोड नहीं जहां रोजाना जाम नहीं लग रहा हो। जाम न लगे इसलिए लिए रोजाना इंतजाम किए जाते हैं लेकिन दोपहर होते होते सभी इंतजाम फेल हो जाते हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। शहर का ऐसा कोई रोड नहीं, जहां रोजाना जाम नहीं लग रहा हो। जाम न लगे इसलिए लिए रोजाना इंतजाम किए जाते हैं, लेकिन दोपहर होते होते सभी इंतजाम फेल हो जाते हैं। एसएसपी रोजाना ट्रैफिक सीओ और ट्रैफिक इंस्पेक्टर को हिदायत देते हैं कि शहर में जाम नहीं लगे। बावजूद इसके जाम लगता है और यातायात पुलिस के जाम को खुलवाने में पसीने छूट जाते हैं। जाम न लगे।
शहर के जिस रोड पर जिलाधिकारी, एसएसपी, एसपी सिटी, एसपी देहात, सीओ सिटी आदि अधिकारी बैठते हैं, उसी रोड पर सबसे ज्यादा जाम लगता है। अधिकारियों की गाड़ी जाम में न फंसे, इसलिए वाहनों को रोक दिया जाता है। यहां-यहां लगता है जाम
शहर के चांदपुर रोड, शिकारपुर रोड, शिकारपुर तिराहा, डीएम रोड, पुलिस लाइन रोड, काला आम चौराहा, अंसारी रोड, काली नदी रोड आदि स्थानों पर रोजाना जाम लगता है। जब उपरोक्त स्थानों पर जाम लग जाता है तो पूरा शहर जाम हो जाता है। बाजारों में से निकलना मुश्किल हो जाता है। इस कारण लगता है जाम
शहर में जाम लगने का सबसे बड़ा कारण सड़कों का चौड़ीकरण न होना है। सड़कों की चौड़ाई कम होने के कारण वाहनों की आने जाने वाली लाइन ठीक से क्रास नहीं हो पाती। जिस कारण जाम लग जाता है। दूसरा कारण ई-रिक्शा और आटो भी जाम का कारण है। बैरिकेडिग भी नाकाम
काला आम चौराहा पर बैरिकेडिग की गई, ताकि भारी वाहनों को अंदर नहीं जाने दिया जाए। इन वाहनों को भूड़ चौराहे से निकाला जा रहा था। अस्पताल रोड पर बैरिकेडिग करके शिकारपुर रोड से भारी वाहनों को निकाला गया। स्याना अड्डे पर भी बैरिकेडिग की गई। ताकि भारी वाहन अंदर न जा सके। बावजूद इसके यह इंतजाम गुरुवार को फेल साबित हुए। जाम शहर के अंदर के रास्तों पर फिर भी लगा। इन्होंने कहा..
शहर में जाम से निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाई जा रही है। व्यस्त रास्तों पर बैरिकेडिग कर बड़े वाहनों को रोका जाएगा। ताकि बाजारों और शहर के अंदर जाम न लग सके।
अतुल कुमार श्रीवास्तव, एसपी सिटी एवं यातायात प्रभारी