मच्छरों का ठिकाना बना प्लाटों में भरा गंदा पानी
दोराहे के आसपास रहने वाले बाशिदे नरकीय जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। यहां हाईवे-93 पर सड़क किनारे से लेकर आवासीय क्षेत्र तक खाली पड़े प्लाटों में जलभराव और गंदगी के अंबार लगे हैं। यह गंदगी मच्छरों के पनपने का ठिकाना बनी हुई है।
बुलंदशहर, जेएनएन। दोराहे के आसपास रहने वाले बाशिदे नरकीय जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। यहां हाईवे-93 पर सड़क किनारे से लेकर आवासीय क्षेत्र तक खाली पड़े प्लाटों में जलभराव और गंदगी के अंबार लगे हैं। यह गंदगी मच्छरों के पनपने का ठिकाना बनी हुई है। ऐसे में यहां रहने वाले बाशिदों का बुरा हाल है और संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी लगातार बना हुआ है। शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई हो रही है।
छतारी क्षेत्र के गांव त्योरबुजुर्ग के माजरा असगरपुर छतारी दोराहा पर अलीगढ़-अनूपशहर मार्ग के किनारे पीएनसी ने नाले का निर्माण कराया था। कंपनी ने सड़क निर्माण के दौरान नाले का कार्य अधूरा छोड़ दिया। जिस कारण नाले से निकलने वाला गंदा पानी सड़क किनारे और आवासीय क्षेत्रों के खाली प्लाटों में एकत्र हो रहा है। ऐसे में उस पानी से जहां एक तरफ उठने वाली बदबू से लोग परेशान हैं। वहीं, जलभराव और गंदगी मच्छरों के पनपने का कारण भी है। जिस कारण ही शाम होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में बाहर से आने वाले लोग यहां से नाक पर हाथ रखकर निकलने को मजबूर हैं।
बोले लोग..
छतारी दोराहे पर सड़क किनारे और खाली प्लाटों में जलभराव है। जिस कारण यहां दिन में भी मच्छरों का प्रकोप रहता है। वहीं शिकायतों के बाद भी मच्छर मारने की दवा तक का छिड़काव यहां नहीं किया गया है।
-पपनेश शर्मा।
जहां एक तरफ सरकार स्वच्छता भारत मिशन के तहत स्वच्छता पर जोर दे रही है। वहीं, दूसरी तरफ सड़क निर्माण कंपनी की लापरवाही स्वच्छता को पलीता लगा रही है। जिसकी तरफ प्रशासनिक अधिकारियों का भी ध्यान नहीं है।
--चमन खां।
इन्होंने कहा..
मामला संज्ञान में नहीं है। अगर नाला आधा-अधूरा छोड़ा गया है, तो उसे पूरा कराकर लोगों की समस्या का समाधान कराया जाएगा।
-पदम सिंह, एसडीएम शिकारपुर।