जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट शुरू
लंबे इंतजार के बाद जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट शुरू हो गई है। पहले दिन चार मरीजों की डायलिसिस की गई।
बुलंदशहर, जेएनएन : लंबे इंतजार के बाद जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट शुरू हो गई है। पहले दिन चार मरीजों की डायलिसिस की गई। अब किडनी रोगियों को डायलिसिस के लिए दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। डायलिसिस यूनिट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पीपीपी मॉडल पर काम करेगी।
जिला अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर शुरू हुई डायलिसिस यूनिट को ईएसकेएजी संजीवनी कंपनी ने स्थापित किया है। पिछले छह माह से डायलिसिस यूनिट को स्थापित करने का काम चल रहा था। यहां पर सभी रोगियों की डायलिसिस निश्शुल्क होगी। फिलहाल दो मशीन लगाकर कंपनी ने काम चालू कर दिया है। जल्द ही यूनिट में चार और मशीनें लगाई जाएंगी। इसके बाद यहां एक बार में छह रोगियों की डायलिसिस हो सकेगी। बिजली, पानी और बिल्डिग स्वास्थ्य विभाग का है। मशीन, स्टाफ और अन्य सभी सुविधा ईएसकेएजी संजीवनी कंपनी की हैं। डायलिसिस यूनिट इंचार्ज ललित राणा ने बताया कि पहले दिन डिबाई के चौधरी खेल सलीम, अलीगढ़ जिले के भगतपुर निवासी अमित कुमार, सिकंदराबाद के मोहल्ला चौधरी वाड़ा निवासी नसीर और बुलंदशहर के मोहल्ला गिरधारीनगर निवासी किशनवीर की डायलिसिस की गई। गंगेरूआ गांव के तुफैल ने बताया कि डायलिसिस तीसरे दिन करानी पड़ती है। किराये में ही काफी रुपये खर्च हो जाते थे। अब समय और पैसे दोनों बचेंगे।
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मरीज बढ़े तो मिलेगी 24 घंटे सुविधा
-ईएसकेएजी संजीवनी कंपनी के स्टेट एडमिनिस्ट्रेटर देवाशीष चंद्र ने बताया कि केंद्र सरकार की पहल पर सूबे के 15 जिलों में डायलिसिस सुविधा कंपनी ने शुरू की है। इससे आमजन को काफी लाभ मिलेगा। रविवार का अवकाश रहेगा। बाकी सभी दिन सुबह आठ से रात नौ बजे तक यूनिट में डायलिसिस होगी। मरीज ज्यादा आने पर सुविधा 24 घंटे की जाएगी।
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चार घंटे में होगी डायलिसिस
-कंपनी के रीजनल एडमिनिस्ट्रेटर कौशिक घोष ने बताया कि शारीरिक रूप से पतले रोगी रोगी की दो से तीन घंटे और मोटे व्यक्ति की छह से आठ घंटे तक में डायलिसिस होती है। निजी अस्पताल में एक डायलिसिस का खर्ज 1600 से 5000 रुपये तक है। रोगियों से सुविधा का फीडबैक भी लिया जाएगा। जोकि केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा।
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डायसिस की जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर-18001035918
व्हाटसएप नंबर-9073176063
इन्होंने कहा.
जिलावासियों के लिए ये एक अच्छी सुविधा मिली है। जिले से प्रतिदिन सौ से अधिक रोगी डायलिसिस के लिए दूसरे शहरों में जाते हैं। उन्हें अब भागना नहीं पड़ेगा। किडनी रोगियों को डायलिसिस की जरुरत पड़ती है।
- डा. केएन तिवारी, सीएमओ