भक्तों ने मां सिद्धिदात्री की पूजा कर जिमाई कन्या, खोला व्रत
खुर्जा में श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में भक्तों ने नवरात्रि के नौवें दिन माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा अर्चना की गई। साथ ही नौ कन्याओं और एक लांगुरा को जिमाया गया। वहीं दूसरी तरफ लोगों ने घरों में भी विशेष पूजा-अर्चना की और अपने व्रतों को खोला।
बुलंदशहर, जेएनएन। खुर्जा में श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में भक्तों ने नवरात्रि के नौवें दिन माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा अर्चना की गई। साथ ही नौ कन्याओं और एक लांगुरा को जिमाया गया। वहीं दूसरी तरफ लोगों ने घरों में भी विशेष पूजा-अर्चना की और अपने व्रतों को खोला।
गुरुवार को श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में माता सिद्धिदात्री को नीले रंग की पोशाक धारण कराई गई। साथ ही मातारानी को धान के लावे का भोग लगाया गया। इस दौरान मंदिर समिति के सतीशचंद्र ने कहा कि सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं। जैसा कि इनके नाम से ही स्पष्ट है। मां का यह स्वरूप सभी प्रकार की सिद्धि और मोक्ष देने वाला माना गया है। मां सिद्धिदात्री की पूजा ऋषि-मुनि, साधक, यक्ष, किन्नर, देवता, दानव, गृहस्थ आश्रम में जीवनयापन करने वाले सभी करते हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को यश, धन और बल की प्राप्ति होती है। मातारानी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लाइनें लगी रहीं। साथ ही भक्तिमय भजनों पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। साथ ही परिक्रमा, मनोकामना स्तंभ पर चुन्नी बांधकर मन्नतें मांगी। इसी क्रमबद्ध नवमी के उपलक्ष्य में नौ देवी स्वरूप कन्याओं का पूजन करने के बाद भोजन कराया गया। इस दौरान व्यवस्थाओं में रोहित अग्रवाल, पवन मित्तल, प्रमोद भारद्वाज, एडवाकेट विकास वर्मा, प्रेमप्रकाश अरोरा, आनंद स्वरूप, आकाश जैन, त्रिलोकीनाथ आदि रहे। कन्याओं का पूजन कर श्रद्धालुओं ने खोला उपवास
औरंगाबाद। शारदीय नौवें नवरात्र के अवसर पर गुरूवार को श्रद्धालुओं ने माता रानी की पूजा अर्चना कर व कन्याओं का पूजन कर उपवास खोला। उधर माता रानी के मंदिरों में श्रद्धालुओं ने धूप दीप नैवेध और नारियल चुनरी चढ़ाकर माता रानी को अभिषेक किया। नगर के प्राचीन नागेश्वर शिव मंदिर स्थित मां दुर्गा के मंदिर में गुरूवार सुबह से पूजा अर्चना के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने माता रानी की पूजा अर्चना कर अपने परिवार में सुख समृधि की कामना की। नौवें नवरात्र को नगर और ग्रामीण क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर कन्या और लांगुरों को हलुवा पूरी से भोजन कराया।