बेटी ने दिखाया समाज को आइना: मां का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से लाई और दी मुखाग्नि
संतान के रूप में लड़कों की चाह रखने के साथ ही लड़कियों को कई जगह उपेक्षित नजर से देखने वाले समाज के एक वर्ग को यह खबर आईना दिखा रही है।
बुलंदशहर (जेएनएन)। अंतिम यात्रा में चार कंधों की चाह रखने वालों को एक बेटी ने आईना दिखा दिया है। बुलंदशहर में जब मां के पार्थिव शरीर को कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं मिले तो बेटी ने मां के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस में रखवाया और फिर बैकुंठ धाम में लाकर पार्थिव शरीर को मुखाग्नि भी दे दी।
संतान के रूप में लड़कों की चाह रखने के साथ ही लड़कियों को कई जगह उपेक्षित नजर से देखने वाले समाज के एक वर्ग को यह खबर आईना दिखा रही है। सिकंदराबाद में वृद्धा की मृत्यु के बाद उसको कंधा देने के लिए चार लोग इक_ा नहीं हो सके। मौके पर मौजूद बेटी ने न केवल एंबुलेंस से मां के शव को श्मशान पहुंचाया, बल्कि अपने हाथों से उस पार्थिव शरीर को मुखाग्नि भी दी।
सिकन्दराबाद में कल एक विधवा कमलेश का बीमारी के चलते निधन हो गया था। विधवा की मृत्यु पर शोक जताने को उसके समाज के गिनती के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन जब उस विधवा की अर्थी को कंधा देकर श्मशान ले जाने की बात आई तो कमलेश के समाज का कोई व्यक्ति आगे नहीं आया। इस पर कमलेश की इकलौती पुत्री प्रतीक्षा ने ससुराल वालों की मदद से मां के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से श्मशान तक पहुंचाया और मां की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां पर भी 10-12 लोग ही मौजूद रहे। प्रतीक्षा के इस कार्य ने समाज को आईना दिखाया कि बेटी किसी भी तरह से बेटों से कम नहीं हैं।